कल देश के आम बजट से कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के हिस्से 1.52 लाख करोड़ रुपए आए. इस पर अलग अलग प्रतिक्रिया भी आई. किसी ने कहा कि इतना पैसा पर्याप्त है तो कोई इस बात के पक्ष में था कि कृषि क्षेत्र(Agriculture sector) को उद्धार के लिए देश के बजट से और बड़ा हिस्सा चाहिए था. हम इस पर कोई बात नहीं करेंगे,यह काम एक्सपर्ट्स का है जो कृषि क्षेत्र की बारीकियों को समझते हैं. हम बात करने वाले हैं कि देश के बजट से जो इतने रुपए कृषि क्षेत्र को मिले हैं वो सरकार कहाँ लगाने वाली है. बीते कुछ दिनों में केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र से जुड़ी कई ‘लोक लुभावन’ योजनाएं शुरू की हैं. अनुमान है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट का एक बड़ा हिस्सा इन्हीं योजनाओं पर खर्च होने वाला है.
केंद्र सरकार की किसानों के लिए शुरू की गई 5 प्रमुख योजनाएं हैं:
1.पीएम किसान योजना
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना ने ना सिर्फ बड़े पैमाने पर किसानों को प्रभावित किया है बल्कि वक्त वक्त पर चुनावों में भी बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सफलता का एक कारण बनती रही है. 24 फरवरी, 2019 को शुरू की गई इस योजना के तहत भूमिधारक किसानों को सालाना 6000 रुपए तीन किस्तों में दिए जाते हैं. सरकारी आंकड़ों के 11 करोड़ से अधिक किसानों को विभिन्न किस्तों में 2.81 लाख करोड़ रुपये डीबीटी (डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर) के माध्यम से वितरित किये गये हैं. और अभी भी ये सिलसिला जारी है. ऐसे में बजट से कृषि क्षेत्र को मिले 1.52 लाख करोड़ रुपए में से बड़ी हिस्सेदारी इस योजना की भी होगी.
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2.प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना
साल 2019 के सितंबर में शुरू हुई ये योजना उन किसानों के लिए है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं. इस योजना के तहत 18 से 40 बरस तक की उम्र के किसान 200 रुपए हर महीने जमा करते हैं और उनके 60 बरस के होते ही उन्हें 3000 रुपए पेंशन मिलने लगेगी. इस योजना का प्रबंधन जीवन बीमा निगम (एलआईसी) करती है. लाभार्थियों को सामान्य सेवा केंद्रों और राज्य सरकारों के माध्यम से रजिस्टर किया जाता है. अब तक इस योजना में 23 लाख 38 हजार किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है.
3.प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना कृषि क्षेत्र में केंद्र की मोदी सरकार की सबसे पुरानी और महत्वाकांक्षी योजना कही जा सकती है. 2016 में शुरू की गई इस योजना से सरकार का मकसद किसानों को उनकी फसल का इंश्योरेंस करना है ताकि फसलें खराब हो जाने की सूरत में भी किसान हतोत्साहित ना हों और उन्हें पर्याप्त मुआवजा दिया जा सके. 2016-17 में अपनी शुरुआत के बाद से, इस योजना के लिए लगभग 5 करोड़ 55 लाख किसानों ने आवेदन किया है और सरकार अब तक इस योजना पर डेढ़ लाख करोड़ रुपए खर्च चुकी है.
4.एग्री इंफ्रा फंड
किसी भी सेक्टर को मजबूत करने के ज़रूरी है कि उसका इंफ्रास्ट्रक्चर भी मजबूत हो. इसी उद्देश्य के साथ कॄषि क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में जो भी कमियां हैं उनसे निपटने को और कृषि क्षेत्र में इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ये योजना लाई थी. ऐसी कम्पनियों या व्यक्तियों को इसके तहत वित्तीय सहायता दी जाती है जो कृषि क्षेत्र में किसी भी तरह का इन्फ्रास्ट्रक्चर बना रहे हैं या बनाना चाहते हैं. केंद्र सरकार ने इसके लिए 1 लाख करोड़ रुपये का फंड रखा था जिसे वित्त वर्ष 2020-21 और वित्त वर्ष 2025-26 के बीच वितरित किया जाना है
5. नमो ड्रोन दीदी योजना
सरकार ने हाल ही में 2024-25 से 2025-26 की अवधि के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ड्रोन ट्रेनिंग देने के लिए इस योजना को मंजूरी दी थी. सरकार इस योजना के माध्यम से महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की बात कही है. इसके तहत महिलाओं को ड्रोन तकनीक की ट्रेनिंग दी जाएगी और फिर उसी के आधार पर उन्हें रोजगार दिया जाएगा. सरकार के मुताबिक इस योजना से ट्रेंड हुई महिलाएं मॉर्डर्न टेक्नीक्स के जरिए फार्म सेक्टर में अपना योगदान दे सकेंगी. इसके तहत पहले चरण में चयनित महिलाओं को दरों तकनीक के बारे में ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसमें कृषि क्षेत्र में फसलों की बेहतरी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है, यह बताया जाएगा और फिर पंद्रह दिन की इस ट्रेनिंग के बाद ड्रोन दीदी के तौर पर महिलाएं चुनी जाएंगी. जो भी महिलाएं इस जिम्मेदारी के लिए चुनी जाएंगी उन्हें 15 हजार रुपए मिलेंगे. केंद्र सरकार ने इसके लिए 1261 करोड़ रुपए भी आवंटित किये हैं.
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