केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY) के तहत देश के 100 कृषि जिलों का चयन किया है, जिनमें उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा 12 जिले शामिल हैं। हर जिले में कृषि विकास योजना बनाई जाएगी और हर साल करीब ₹24,000 करोड़ के कार्य किए जाएंगे।योजना की निगरानी के लिए 100 केंद्रीय अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY) के तहत देश के 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 100 “एस्पिरेशनल एग्रीकल्चर डिस्ट्रिक्ट्स” के विकास की घोषणा की है। इस योजना में उत्तर प्रदेश के सबसे अधिक 12 जिले शामिल किए गए हैं।
यूपी के 12 जिले बने योजना का हिस्सा
उत्तर प्रदेश के जिन जिलों को योजना में शामिल किया गया है, उनमें महोबा, सोनभद्र, हमीरपुर, बांदा, जालौन, झांसी, उन्नाव, प्रयागराज, चित्रकूट, प्रतापगढ़, श्रावस्ती और ललितपुर शामिल हैं।
यूपी के बाद महाराष्ट्र के 9 जिले चुने गए हैं—पालघर, यवतमाल, गढ़चिरोली, धुले, रायगढ़, छत्रपति संभाजीनगर, चंद्रपुर, नांदेड़ और बीड।
बिहार से 7 जिले—मधुबनी, दरभंगा, बांका, गया, सिवान, किशनगंज और नवादा—शामिल किए गए हैं।
मध्य प्रदेश और राजस्थान से 8-8 जिले चुने गए हैं।
बाकी राज्यों से भी चयन
आंध्र प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल से 4-4 जिले,
असम, छत्तीसगढ़ और केरल से 3-3 जिले,
जबकि जम्मू-कश्मीर, झारखंड और उत्तराखंड से 2-2 जिले शामिल किए गए हैं।
बाकी 11 राज्यों—अरुणाचल प्रदेश, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, सिक्किम और त्रिपुरा—में से प्रत्येक से 1 जिला चुना गया है।
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निगरानी के लिए नियुक्त हुए केंद्रीय अधिकारी
योजना की निगरानी और बेहतर क्रियान्वयन के लिए 100 केंद्रीय नोडल अधिकारी (CNOs) नियुक्त किए गए हैं, जिनमें ज्यादातर संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी हैं। यह आदेश कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने शुक्रवार को जारी किया।
योजना के दिशा-निर्देश और बजट
सरकार ने योजना के संचालन संबंधी दिशा-निर्देश (Guidelines) भी जारी किए हैं। इसके तहत हर जिले के लिए एक जिला कृषि विकास योजना तैयार की जाएगी, जिसमें 11 विभागों की 36 योजनाओं को एक साथ जोड़ा जाएगा। इनमें से 19 योजनाएं कृषि और किसान कल्याण विभाग से जुड़ी होंगी।
सरकार के अनुसार, इस योजना के तहत हर वर्ष लगभग ₹24,000 करोड़ के कार्य किए जाएंगे। हालांकि, PMDDKY के लिए अलग बजट नहीं बनाया गया है, इसे मौजूदा योजनाओं के समन्वय से लागू किया जाएगा।
उद्देश्य
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का मकसद कृषि क्षेत्र का समग्र विकास, किसानों की आय बढ़ाना, और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है। सरकार चाहती है कि इन चुने गए जिलों को मॉडल एग्रीकल्चर डिस्ट्रिक्ट्स के रूप में विकसित किया जाए।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।