यूपी में फसल बीमा की तारीख बढ़ा दी गई है. सरकारी निर्देश के मुताबिक, अब सभी खरीफ की अधिसूचित फसलों के लिए फसल बीमा कराए जाने की अंतिम तारीख-गैर ऋणी किसानों के लिए 14 अगस्त और ऋणी किसानों (केसीसी/क्रॉपलोन) के लिए 30 अगस्त तक निर्धारित की गई है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने खरीफ फसलों का बीमा कराने की तारीख बढ़ा दी है. अभी तक अधिसूचित फसलों (धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, उर्द, मूंग, अरहर, मूंगफली,सोयाबीन और तिल) का बीमा कराए जाने के लिए अंतिम तारीख 31 जुलाई 2025 तय थी, लेकिन अब इसे बढ़ा दी गई है. अब सभी खरीफ की अधिसूचित फसलों के लिए फसल बीमा कराए जाने की अंतिम तिथि-गैर ऋणी किसानों के लिए 14 अगस्त और ऋणी किसानों (केसीसी/क्रॉपलोन) के लिए 30 अगस्त तक निर्धारित की गई है. सभी खरीफ फसलों के लिए बीमा का प्रीमियम दो प्रतिशत किसानों और बाकी केंद्र/राज्य सरकार की ओर से भुगतान की जाती है.
कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि किसान बीमा कराते समय वास्तविक फसल और भूमि का उल्लेख जरूर करें, जिससे क्षति के बाद बीमा कंपनी और कर्मचारी द्वारा सर्वे के समय कोई विपरीत परिस्थिति पैदा न हो. किसान फसल क्षति की सूचना 72 घंटे के भीतर नजदीकी फसल बीमा सेंटर, कृषि विभाग या फसल बीमा हेल्पलाइन नंबर (14447) के माध्यम से जरूर करें, जिससे फसल बीमा का लाभ समय से मिल सके.
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यहाँ से कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन
हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने से पहले किसान आधार, किसान आईडी, खेत और फसल से संबंधित सभी जानकारी/रसीद अपने पास रखें. किसानों को फसल बीमा कराने के लिए जरूरी दस्तावेज के रूप में आधार कार्ड, खतौनी, बैंक पासबुक और फसल का विवरण (जिसका बीमा कराया जाना है) हैं. फसल बीमा बैंक, कॉमन सर्विस सेंटर या पोर्टल www.pmfby.gov.in पर खुद से भी पंजीकरण कर किया जा सकता है.
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।