दिल्ली। भारत सरकार की तरफ़ से दिए जाने वाले पद्मश्री पुरस्कार विजेताओं में कृषि क्षेत्र के कई नाम हैं। इस लिस्ट में किसान, कृषि वैज्ञानिक और कृषि से जुड़े अधिकारी हैं। ये वो लोग हैं जिन्होंने कृषि के क्षेत्र में देश के गौरव को बढ़ाया है,आइए उनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
उत्तर प्रदेश के कृषि वैज्ञानिक रामचेत चौधरी को मिलेगा पद्मश्री सम्मान
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के कृषि वैज्ञानिक रामचेत चौधरी जी को काला नमक चावल पर शोध करने और उसे GI टैग दिलवाने के लिये इस बार पद्मश्री पुरस्कार के लिये चयनित किया गया है।
केरल के किसान सत्यनारायण बेलरी को मिलेगा पद्मश्री सम्मान
केरल राज्य के बेल्लूर जिले के रहने वाले किसान सत्यनारायण बेलरी को भी पद्मश्री पुरस्कार के लिये चयनित किया गया है।
वे धान की किस्मों के संरक्षण के लिए जाने जाते हैं। वर्ष 2008 से अभी तक उन्होंने 650 से अधिक विलुप्त हो रही धान की किस्मों को संरक्षित किया है। उनकी इस मुहिम ने धान की विलुप्त हो रही कई किस्मों को बचाया है। सत्यनारायण सिर्फ बारहवीं तक पढ़ाई करने के बावजूद भी अपनी सूझ-बुझ और मेहनत से इस मुक़ाम तक पहुँचे हैं।
आज वैज्ञानिक और कृषि संस्थान उनसे मदद ले रहे हैं। उनका ये कार्य खाद्य सुरक्षा के लिए काफी अहम है।
अंडमान की किसान नारियल अम्मा को भी मिलेगा पद्मश्री सम्मान
अंडमान की रहने वाली के चेल्लामल को इस बार पद्मश्री पुरुस्कार से सम्मानित किया जायेगा। उन्हें ‘नारियल अम्मा’ के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने सिर्फ छठी तक पढाई की है। वे जैविक खेती करती हैं और दूसरे किसानों को भी जैविक खेती करने के लिए प्रेरित करती हैं। चेल्लामल खेती में लगातार कुछ ना कुछ नया करती रहती हैं।
असम के किसान सर्वेश्वर भी पद्मश्री सम्मान के लिये चयनित
पूर्वोत्तर राज्य असम के रहने वाले सर्वेश्वर को भी पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा। लोग उन्हें ‘चिराग’ के नाम से भी जानते हैं। उन्होंने खेती में नए तरीके खोजे हैं जिनसे उनकी आय में काफी बढ़त हुई। वे पहले मजदूरी करते थे जब वे दोबारा कृषि के क्षेत्र में आये तो अपनी मेहनत और लगन के बलबूते एक सफल किसान बने। अब वे युवाओं को खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं। वे युवाओं से अपने अनुभवों को साझा करते हैं जिससे युवा उनकी राह पर चलकर कृषि के क्षेत्र में एक आया अध्याय स्थापित करें।