केला किसानों की दुर्दशा: बाजार में महंगा, खेतों में सस्ता

केला किसानों की दुर्दशा

साल 2025 में केला किसानों की हालत खराब है। बाजार में केला 60–70 रुपये दर्जन बिक रहा है, जबकि किसानों को केवल 7 रुपये किलो मिल रहा है। लागत 800–900 रुपये क्विंटल होने के बावजूद दाम 700–800 रुपये क्विंटल तक गिर गए हैं। इसके कई वजहें हैं। अब सवाल बना हुआ है कि जब किसान को इतना कम दाम मिल रहा है तो उपभोक्ता को केला सस्ता क्यों नहीं मिलता?

केला भारतीयों के सबसे पसंदीदा और सस्ते फलों में गिना जाता है। यह न सिर्फ ऊर्जा और पोषण से भरपूर है, बल्कि छोटे बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों तक सबके आहार का अहम हिस्सा है। बाजार में यही केला 60–70 रुपये दर्जन तक बिक रहा है, लेकिन विडंबना देखिए कि किसानों को यही केला केवल 7 रुपये किलो यानी 700 रुपये क्विंटल के भाव पर बेचना पड़ रहा है।

कीमतों में भारी गिरावट
किसानों का कहना है कि दो साल पहले यही केला 2000 रुपये क्विंटल तक बिकता था, लेकिन अब कीमतें घटकर 700–800 रुपये क्विंटल पर आ गई हैं। लागत 800–900 रुपये क्विंटल आने के बावजूद किसानों को फसल घाटे में बेचनी पड़ रही है।

किसानों की मजबूरी

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के किसान गोवर्धन वर्मा इस संकट से इतने परेशान हुए कि उन्होंने अपनी नई फसल तक जोत डाली। उनका कहना है,
“पिछले साल अच्छा दाम था। 1800 से लेकर 2500 तक था। लेकिन इस साल 400 , 500 और 300 रुपये प्रति क्विंटल तक चल रहा है। इससे तो हमारी लागत भी नहीं निकलेगी। इसलिए मैंने ऐसा किया।”

इसी तरह के हालात झेल रहे किसान लवकुश वर्मा कहते हैं
“हम लाख रुपये की लागत लगा रहे हैं और पचास हज़ार की कमाई हो रही है। मतलब लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है। तो किसान क्या करेगा? आत्महत्या ही करेगा न। सरकार से यही कहना चाहूँगा कि कम से कम जो लगा हुआ है वो तो वापस हो जाए।”

ये भी पढ़ें – ISMA ने 2025-26 सीजन के लिए चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य बढ़ाने की मांग की

दाम गिरने की वजहें
व्यापारियों का कहना है कि इस बार दाम गिरने के पीछे कई कारण हैं –

  • केले का रकबा ज्यादा होना,
  • बाढ़ और भूस्खलन से ट्रांसपोर्टेशन में दिक्कतें,
  • महाराष्ट्र से लेकर पंजाब और कश्मीर तक आपूर्ति में रुकावट,
  • नेपाल को जाने वाला केला भी प्रभावित होना।

इन कारणों से मांग कमजोर हुई और कीमतें टूट गईं।

बड़ा सवाल अब भी
सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब किसान को केला केवल 7 रुपये किलो मिल रहा है, तो उपभोक्ता को 50–70 रुपये दर्जन से कम पर क्यों नहीं मिलता? किसान कहते हैं कि अगर नवरात्र जैसे बड़े त्योहार और ज्यादा खपत वाले सीजन में भी उन्हें सही दाम नहीं मिला, तो फिर उम्मीद कब की जाए?

वीडियो देखिए –

Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *