तकनीक से तरक्की पार्ट-16: 100 एकड़ में इटीग्रेटेड फार्मिग, दोगुनी बढ़ी आय

करनाल हरियाणा। खेती में तकनीक का प्रयोग करके किसान अच्छी उपज ले रहे हैं। ड्रिप और स्प्रिंकलर के माध्यम से सिंचाई करने से पानी की खपत कम होती है साथ ही उत्पादन अच्छा होता है। ऐसे में किसानों को इसके प्रयोग से उपज बढ़ने के साथ-साथ सरकार का भी साथ मिल रहा है। सरकार माइक्रो इरिगेशन के कई संसाधनों पर सब्सिडी भी दे रही है।

हरियाणा के काछवा गांव के रहने वाले किसान सुरेंद्र लाठर जिले के बड़े किसानों में से एक हैं। उनका फार्म करीब 100 एकड़ में फैला है। यहां वो आलू, सब्जियों की खेती, पोल्ट्री और मछली पालन करते हैं। उन्हे खेती से अच्छा मुनाफा भी मिलता है। लेकिन जिन पुराने तरीकों से वो खेती करते चले आ रहे थे, उसके कारण वो अपनी खेती में कई मुश्किलों से भी जूझ रहे थे। लेकिन जब से उन्होंने ड्रिप और स्प्रिंकलर से सिंचाई शुरु की उनकी लेबर कास्ट, गुणवत्ता युक्त उत्पादन और खरपतवार की समस्या काफी हद तक दूर हो गई है।

सुरेंद्र लाठर मुख्य रुप से आलू और गेहूं के बीज की खेती करते हैं। वो क्लालिटी युक्त बीज उगाकर कंपनियों को सप्लाई करते हैँ। ये वो काम हैं जहां क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों महत्वपूर्ण हो जाते हैं।

वे कहते हैं” अगर हम ड्रिप और स्प्रिंकलर के माध्यम से फसल की सिंचाई ना करते तो ये सब सम्भव ना होता। इस बार हमने 26 एकड़ आलू की फसल में ड्रिप लगवाई थी। अच्छी पैदावार के साथ पानी की भी बचत हुई है। उनका मानना है यदि आज के दौर में किसान को खेती से सफल होना है तो ऩई तकनीकी और मशीनें अपनानी ही होगी।

उनका मानना है यदि आज के दौर में किसान को खेती से सफल होना है तो ऩई तकनीकी और मशीनें अपनानी ही होगी।
सुरेंद्र लाठर की खेती इंट्रीग्रेटेड फार्मिंग के मॉडल पर आधारित है। उनके पास पोल्ट्री फार्म है। जिससे अंडे भी मिलते हैं और मूर्गियों की बीट से बनी खाद भी जो मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने में काम आती है। इसके अलावा वो मछली पालन करते हैँ। सुरेंद्र लाठर कहते हैं, किसान को इस तरह से काम करने चाहिए जिससे उसके पास एक से ज्यादा सोर्स ऑफ इनकम होने चाहिए।

सुरेंद्र लाठर चार भाई हैं और उनके ऐसे 4 अलग-अलग फार्म हैं। भाई और उनके बेटे खेती का अलग-अलग काम भी संभालते हैं। लेकिन चूल्हा सबका एक है। इसे वो अपनी खेती और हरियाणा विरासत मानते हैं।

तकनीक से तरक्की सीरीज – न्यूज पोटली और जैन इरिगेशन की जागरुकता मुहिम है, सीरीज में उन किसानों की कहानियों को शामिल किया जा रहा है, जो खेती में नए प्रयोग कर, नई तकनीक का इस्तेमाल कर मुनाफा कमा रहे हैं। ड्रिप इरिगेशन, आटोमेशन, फर्टिगेशन सिस्टम आदि की विस्तृत जानकारी के लिए संपर्क करें।
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