a small land holding farming of uttar pradesh ram pravesh

यूपी: हरे प्याज की खेती और सब्ज़ियों की नर्सरी, 2.5 एकड़ में किसान कमा रहा 6-7 लाख रुपये

बहराइच (उत्तर प्रदेश)। साल 2013 की बात है बहराइच के राम प्रवेश मौर्या के 4 भाइयों में पारिवारिक विवाद हो गया। उस समय राम प्रवेश मौर्या पास के कस्बे मिहींपुरवा में किराना और सब्जी की दुकान चलाते थे। बंटवारे में वो दुकान उनके हाथ से चली गई। राम प्रवेश के 4 बच्चे थे और रोजगार…

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भारत एक कृषि प्रधान देश हैं और यहां की आधी से ज्यादा आबादी कृषि पर ही निर्भर है। पिछले कुछ सालों में एक तरफ जहां बड़ी तादाद में किसानों का खेती-किसानी से मोह भंग हुआ है

कृषि में कमाल करने वाले भारत के 10 राज्य

भारत एक कृषि प्रधान देश हैं और यहां की आधी से ज्यादा आबादी कृषि पर ही निर्भर है। पिछले कुछ सालों में एक तरफ जहां बड़ी तादाद में किसानों का खेती-किसानी से मोह भंग हुआ है, तो दूसरी तरफ वो तादाद भी कम नहीं, जब पढ़े-लिखे युवाओं का रुझान इस तरफ बढ़ा है। कई नौजवान…

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जानकारों का मानना है कि अगर इस दिशा में ठीक तरीके से काम किया गया तो, एग्रेकल्चर सेक्टर को दोबारा बेहतर बनाया जा सकता है।

खेती-किसानी के भी अच्छे दिन आने वाले हैं?

किसानों की बेहतरी के लिए सरकारें तो अपने स्तर काम करती ही रहती हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों में किसान भी इस दिशा में काम कर रहे हैं। वो खेत-किसानी में नई टेक्नोलॉजी, नए तरीकों को अपना रहे हैं। जानकारों का मानना है कि अगर इस दिशा में ठीक तरीके से काम किया गया तो,…

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ट्वेंट यूनिवर्सिटी के एक रिसर्च में ये पता चला है कि दुनिया में मुख्य फसलों को उगाने के लिए पानी की खपत में एतिहासिक बदलाव हुआ है।

सिंचाई में हर साल इस्तेमाल हो रहा सात ट्रिलियन क्यूबिक मीटर पानी: रिसर्च

क्या आप जानते हैं दुनिया भर में फसल उगाने के लिए हर साल करीब सात ट्रिलियन क्यूबिक मीटर का पानी का इस्तेमाल होता है। ट्वेंट यूनिवर्सिटी के एक रिसर्च में ये पता चला है कि दुनिया में मुख्य फसलों को उगाने के लिए पानी की खपत में एतिहासिक बदलाव हुआ है। फसलों को उगाने के…

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कानपुर के वैज्ञानकों ने गेहूं की नई प्रजाति K-2010 तैयार की है। अगले साल से इसका बीज भी मिलना शुरू हो जाएगा। इस प्रजाति का गेहूं सिर्फ 125 दिनों में तैयार हो जाएगा।

गेहूं की नई प्रजाति K-2010, फसल 125 दिनों में तैयार होगी, पैदावार भी ज्यादा

गेहूं की बुवाई का मौसम है। अगर आप भी गेंहू की खेती करते हैं, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। कानपुर के वैज्ञानिकों ने गेहूं की नई प्रजाति तैयार की है। इसका नाम K-2010 रखा गया है। ये प्रजाति कीट और रोगों से तो सुरक्षित रहेगी ही, साथ ही फसल का उत्पादन भी बढ़ेगा।…

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अगर आप गन्ने की खेती के लिए बेहतरीन पौध तैयार करना चाहते हैं, तो STP (Space Transplanting Technique) विधि आपके लिए एक बेहतर विकल्प है।

STP विधि से गन्ने की नर्सरी कैसे तैयार करें?

देश की कृषि अर्थव्यवस्था में गन्ने का अहम योगदान है। देश के कुल गन्ना क्षेत्रफल का करीब फीसदी हिस्सा उत्तर भारत के राज्यों से आता है। इन राज्यों में उन्नत गन्ना किस्मों और उन्नत उत्पादन तकनीकों को अपनाकर गन्ने की उत्पादकता को बढ़ाया जाता है। अगर आप गन्ने की खेती के लिए बेहतरीन पौध तैयार…

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काले आलू की खेती से होगी बंपर कमाई

काले आलू की खेती: अच्छी पैदावार, बंपर कमाई

देश के एक बड़े हिस्से में आलू की सब्जी, लोगों की पहली पसंद है। भारत में एक बड़ी आबादी ऐसी है जिनके घर शायद ही कोई ऐसा दिन होता है, जब पूरे दिन में एक भी वक्त आलू की सब्जी नहीं बनती हो। इसके अलावा चिप्स और दूसरी तरह की डिश आलू से तैयार की…

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ADB की इस रिपोर्ट में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के विकासशील देशों पर जलवायु परिवर्तन का गहरा प्रभाव पड़ने की बात कही गई है।

भारत की तरक्की की राह में सबसे बड़ा ‘दुश्मन’!

जलवायु परिवर्तन भारत की तरक्की की राह में सबसे बड़ा रोड़ा बन रहा है। पिछले कुछ सालों में बेमौसम बारिश, कहीं बाढ़, तो कहीं सूखा ना सिर्फ खेती-किसानी पर असर डाल रहा है, बल्कि पूरे देश की कामयाबी की राह में रुकावट बन रहा है। ये हिंदुस्तान के लिए चिंता की बात है, हाल ही…

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kabuli chana

डॉलर चना: बुआई से कमाई तक पूरी जानकारी

डॉलर चना जिसे देश के ज्यादातर हिस्सों में काबुली चने के नाम से जाना जाता है, अच्छा मुनाफा दिलाने वाली फसल मानी जाती है। डॉलर चने की तेजी से बढ़ रही डिमांड और बढ़िया कमाई की वजह से किसान भी अब बढ़-चढ़ इसकी खेती कर रहे हैं। मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा राजस्थान और यूपी के…

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success story of pomegranate farmer nashik maharashtra

कुली से करोड़पति तक: महाराष्ट्र के अनार किसान की कहानी

ये केदार जाधव हैं, ग़रीब परिवार जन्मे केदार नाशिक के मालेगाँव में कुली का काम करते थे। इनके दूर रिश्तेदारी में एक शख़्स चीनी मिल में सीनियर अधिकारी था, परिवार की स्थिति देख जाधव उनसे काम माँगने गये। ये वो दौर था जब सरकारी नौकरियों में उतनी क़िल्लत नहीं थी, जाधव को भरोसा था एक…

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