महाराष्ट्र

महाराष्ट्र के कपास किसानों को मिला 5 साल में ₹3,653 करोड़ का बीमा मुआवज़ा

पिछले 5 सालों में महाराष्ट्र के कपास किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत ₹3,653 करोड़ का मुआवज़ा मिला है।विदर्भ क्षेत्र के किसानों को इससे सबसे ज़्यादा लाभ हुआ है।साल 2024–25 में राज्य ने 92.32 लाख गांठ कपास का रिकॉर्ड उत्पादन किया।वहीं, CCI ने किसानों से 144.55 लाख क्विंटल कपास खरीदकर उन्हें ₹10,714 करोड़ का भुगतान किया।
इससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई और कपास उत्पादन में स्थिरता आई

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डिजिटल ऐप से किसानों को मिलेगा सीधा फायदा

अब कपास बेचना हुआ आसान, डिजिटल ऐप से किसानों को मिलेगा सीधा फायदा

इस साल से कपास किसानों के लिए बिक्री आसान हो गई है। कपास किसान ऐप से किसान समय स्लॉट बुक कर सीधे खरीद केंद्र पर बिना कतार लगे कपास बेच सकते हैं। MSP मध्यम किस्म के लिए ₹7,710 और लंबी किस्म के लिए ₹8,110 है। 2025-26 में कपास की खेती का क्षेत्र 79.54 लाख हेक्टेयर पहुंचा है, और खरीद प्रक्रिया अक्टूबर में शुरू हो गई है।

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कपास की खरीद

550 केंद्रों से होगी कपास की खरीद, राज्यों को निर्देश जारी

केंद्र सरकार ने 2025-26 खरीफ सीजन के लिए कपास किसानों को एमएसपी पर फसल बेचने की पूरी गारंटी दी है। वस्त्र मंत्रालय ने सभी राज्यों और कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया को निर्देश दिया है कि खरीद में किसी तरह की परेशानी न आए और किसानों को समय पर भुगतान मिले। इस बार रिकॉर्ड 550 खरीद केंद्र खोले गए हैं।

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पंजाब

पंजाब के कपास किसानों की मुश्किलें बढ़ीं, CCI से तुरंत खरीद की मांग

पंजाब के कपास किसानों को CCI की खरीद शुरू न होने से MSP से कम दाम में फसल बेचने की मजबूरी है। कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि केंद्र के वादे खोखले साबित हो रहे हैं। इस साल पंजाब में कपास का क्षेत्रफल 20% बढ़ा है। मंत्री ने CCI से तुरंत मंडियों में खरीद शुरू करने और किसानों का भरोसा बनाए रखने की मांग की है।

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कपास किसान

कपास किसानों के लिए बड़ी राहत: 550 केंद्रों पर MSP पर खरीद, पूरी प्रक्रिया होगी डिजिटल

कपास किसानों की मदद के लिए कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने इस बार रिकॉर्ड 550 खरीद केंद्र बनाए हैं। 1 अक्टूबर से अलग-अलग राज्यों में एमएसपी पर कपास की खरीद शुरू होगी, जिसमें मीडियम स्टेपल का भाव 7,710 रुपये और लॉन्ग स्टेपल का 8,110 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। किसानों के लिए पूरी प्रक्रिया डिजिटल कर दी गई है, जिससे रजिस्ट्रेशन से लेकर भुगतान तक सब काम आसान और पारदर्शी तरीके से होगा। हर मंडी में शिकायत निवारण कमेटी और हेल्पलाइन भी उपलब्ध रहेंगी। सरकार का कहना है कि किसानों की पूरी फसल खरीदी जाएगी और समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।

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