इफको-एमसी का 11वां स्थापना दिवस

किसानों के साथ एक दशक की यात्रा, इफको-एमसी का 11वां स्थापना दिवस

इफको-एमसी ने अपना 11वां स्थापना दिवस मनाया और किसानों के साथ अपनी 10 साल की सफल यात्रा का जश्न मनाया। इफको और मित्सुबिशी कॉर्पोरेशन के संयुक्त उद्यम के रूप में शुरू हुई इस कंपनी ने किसानों को भरोसेमंद कृषि रसायन और फसल सुरक्षा समाधान दिए हैं। इस मौके पर नई कॉर्पोरेट वेबसाइट लॉन्च की गई और बीते दशक की उपलब्धियों पर आधारित फिल्म दिखाई गई। कंपनी ने भविष्य में जैविक खेती, नए उत्पाद और नवाचार पर ध्यान देने का वादा किया, साथ ही किसानों की आय और कृषि की स्थिरता बढ़ाने के अपने संकल्प को दोहराया।

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दालों में आत्मनिर्भरता की राह

दालों में आत्मनिर्भरता की राह, नीति आयोग ने पेश किया नया रोडमैप

नीति आयोग ने दालों में आत्मनिर्भरता के लिए रोडमैप जारी किया है। इसके तहत 1,000 करोड़ रुपये के दाल मिशन से उत्पादन बढ़ाने, बेहतर बीज, MSP, भंडारण और बाज़ार की सुविधा दी जाएगी। धान की खाली ज़मीन पर दाल बोकर उत्पादन 20 मिलियन टन तक बढ़ाया जा सकता है। इससे आयात पर निर्भरता घटेगी और 2030 तक बढ़ती मांग पूरी होगी।

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23 जिलों के 1200 से ज्यादा गांव प्रभावित

पंजाब की बाढ़: 40 साल की सबसे बड़ी आपदा, वजह और हालात

पंजाब इस वक्त पिछले चार दशकों की सबसे भयानक बाढ़ झेल रहा है, जिसमें 1300 से ज्यादा गांव डूब गए और लाखों लोग बेघर हो गए हैं। करीब 3.75 लाख एकड़ फसल नष्ट हुई है। 70% नुकसान भारी बारिश और 30% डैम से छोड़े गए पानी से हुआ। गुरदासपुर, तरनतारन, फिरोज़पुर और होशियारपुर सबसे प्रभावित जिले हैं। राज्य को आपदा प्रभावित घोषित कर राहत कार्य तेज किए जा रहे हैं।

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जीएसटी सुधार

जीएसटी सुधार: किसानों और आम जनता को राहत, ट्रैक्टर-मशीनरी से लेकर घी-नमकीन तक होंगे सस्ते

जीएसटी काउंसिल ने बड़ा टैक्स सुधार करते हुए अब सिर्फ दो स्लैब 5% और 18% रखने का फैसला किया है, जो 22 सितंबर से लागू होगा। इससे ट्रैक्टर, कृषि मशीनरी, बायो-पेस्टीसाइड्स और सिंचाई उपकरणों पर जीएसटी घटकर 5% हो गया है, जिससे किसानों को सीधी राहत मिलेगी। रोज़मर्रा की चीजें जैसे घी, मक्खन और नमकीन भी सस्ते होंगे। वहीं, दूध, पनीर, भारतीय ब्रेड पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा। जबकि पान मसाला, तंबाकू और सिगरेट जैसी चीजों पर 40% टैक्स लगाया जाएगा।

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कपास किसान

कपास किसानों के लिए बड़ी राहत: 550 केंद्रों पर MSP पर खरीद, पूरी प्रक्रिया होगी डिजिटल

कपास किसानों की मदद के लिए कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने इस बार रिकॉर्ड 550 खरीद केंद्र बनाए हैं। 1 अक्टूबर से अलग-अलग राज्यों में एमएसपी पर कपास की खरीद शुरू होगी, जिसमें मीडियम स्टेपल का भाव 7,710 रुपये और लॉन्ग स्टेपल का 8,110 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। किसानों के लिए पूरी प्रक्रिया डिजिटल कर दी गई है, जिससे रजिस्ट्रेशन से लेकर भुगतान तक सब काम आसान और पारदर्शी तरीके से होगा। हर मंडी में शिकायत निवारण कमेटी और हेल्पलाइन भी उपलब्ध रहेंगी। सरकार का कहना है कि किसानों की पूरी फसल खरीदी जाएगी और समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।

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धान की खरीद

11 महीनों में धान की खरीद 4% बढ़ी, सरकार बेचने की तैयारी में

भारत में 2024-25 सीजन में धान-चावल की सरकारी खरीद 545.22 लाख टन पहुंच गई, जो पिछले साल से 4% ज्यादा है। पंजाब, छत्तीसगढ़, तेलंगाना जैसे राज्यों से सबसे ज्यादा योगदान रहा। सरकार के पास ज़रूरत से ज्यादा स्टॉक जमा हो गया है, इसलिए एफसीआई ने इसे बाजार और डिस्टिलरी को बेचने की योजना बनाई है। इससे किसानों, व्यापारियों और उपभोक्ताओं सभी को लाभ होने की उम्मीद है।

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MSP

MSP पर कपास बेचना अब होगा आसान, केंद्र सरकार ने लॉन्च किया “कपास किसान” एप

केंद्र सरकार ने कपास किसानों के लिए “कपास किसान” मोबाइल एप लॉन्च किया है। इसे भारतीय कपास निगम (CCI) ने विकसित किया है। एप के जरिए किसान एमएसपी पर कपास बेचने के लिए आसानी से पंजीकरण कर सकेंगे, स्लॉट बुक कर पाएंगे और भुगतान की स्थिति ट्रैक कर सकेंगे। इसमें कपास की गुणवत्ता, स्वीकृत मात्रा और भुगतान की जानकारी रियल टाइम में मिलेगी। एप कई भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है। इसका उद्देश्य किसानों को बिचौलियों से बचाकर उनकी फसल का सही मूल्य दिलाना और खरीद प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी व तेज़ बनाना है।

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आलू प्रसंस्करण

आलू प्रसंस्करण से बढ़ेगी किसानों की आय, बिहार सरकार लाई नई योजना

बिहार सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए “लेडी रोसेटा आलू विस्तार योजना” शुरू की है। यह योजना 17 जिलों में लागू होगी और लगभग 4 करोड़ 88 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। किसानों को बेहतर बीज और तकनीकी मदद मिलेगी, जिससे आलू का उपयोग चिप्स-फ्रेंच फ्राइज जैसे उत्पादों में होगा। इससे किसानों की आय बढ़ेगी और आलू उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

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ड्रिप इरिगेशन

ड्रिप इरिगेशन: मिट्टी और फसल के हिसाब से स्मार्ट सिंचाई

ड्रिप इरिगेशन खेती की एक स्मार्ट और वैज्ञानिक तकनीक है, जिसमें मिट्टी, फसल और स्थान के अनुसार सही सिस्टम चुना जाता है। यह तकनीक पौधों को जड़ों तक संतुलित पानी और खाद पहुँचाती है। पानी व खाद की बचत, फसल की गुणवत्ता में सुधार, पैदावार में वृद्धि और मज़दूरी खर्च में कमी समेत इसके कई फायदे हैं। खास बात यह है कि ड्रिप इरिगेशन सिर्फ सूखे या महंगी फसलों तक सीमित नहीं, बल्कि हर खेत और हर किसान के लिए उपयोगी है।

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एथेनॉल उत्पादन

एथेनॉल उत्पादन में चीनी मिलों को मिली खुली छूट

भारत सरकार ने चीनी मिलों को गन्ने के रस, सिरप और शीरे से अपनी पसंद से एथेनॉल बनाने की आज़ादी दी है। इससे ज्यादा चीनी उत्पादन को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।अनुमान है कि 2025-26 में चीनी उत्पादन 18% बढ़ेगा, इसलिए 11 मिलियन टन चीनी को एथेनॉल बनाने में डायवर्ट करना होगा।

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