राजस्थान सरकार ने इस बार के बजट में राज्य के छोटे किसानों की कृषि लागत कम करने तथा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक योजना की घोषणा की है, जिसके तहत प्रदेश में बैलों से खेती करने वाले छोटे किसानों को सालाना 30 हजार रुपए की राशि दी जाएगी।आधुनिक समय में कृषि यंत्रों और ट्रैक्टरों का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं परंपरागत बैलों का उपयोग काफी कम किसान करते है, ऐसे में प्रदेश के छोटे व सीमांत किसानों के लिए भजनलाल सरकार की ओर से यह योजना लागू की गई है।
एक समय था जब गाँवों में लगभग हर घर में बैल हुआ करते थे, जिनका उपयोग खेती और अन्य कार्य के लिए किया जाता था। ऐसे में बैलों, गायों और पशुओं की देखभाल भी हो जाती थी। लेकिन आज के समय में बहुत ही कम ऐसे किसान है जो खेती के समय बैलों का इस्तेमाल करते है, आज किसानी केवल मशीनरी पर आधारित रह गई है। लेकिन सरकार बैलों से खेती को बढ़ावा दे रही है। इससे छोटे किसानों की लागत कम आएगी और सरकार सब्सिडी भी देगी साथ ही बैलों की देख भाल भी हो जाएगी।
ये भी पढ़ें – 2024-25 में रबी फसल क्षेत्र में 14.35 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है: कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर
सालाना 30 हजार रुपए की सब्सिडी मिलेगी
दरअसल किसान छोटे बछड़ों को अनुपयोगी होने पर निराश्रित छोड़ देते है, जिससे वे सड़कों और शहरों में घूमते रहते है। सरकार की इस योजना से अब वे बैल किसानों के लिए लाभदायक साबित होगें। वहीं किसानों को राहत मिलने के साथ-साथ गो पालन को भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार की इस योजना के अंतर्गत बैलों से खेती करने वाले किसानों को सरकार की ओर सालाना 30 हजार रुपए की राशि दी जाएगी। यह योजना छोटे किसानों को आर्थिक मजबूती देगी, साथ ही जैविक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।