भारत में रबी की फसलों की स्थिति क्या है?

रबी की फसलों को लेकर केंद्र सरकार ने आंकड़े जारी किए हैं। 4 फरवरी को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने जो आंकड़े जारी किए हैं, उसके मुताबिक रबी फसलों की कुल बुवाई 66,10,300 हेक्टेयर तक पहुंच गई है

रबी की फसलों को लेकर केंद्र सरकार ने आंकड़े जारी किए हैं। 4 फरवरी को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने जो आंकड़े जारी किए हैं, उसके मुताबिक रबी फसलों की कुल बुवाई 66,10,300 हेक्टेयर तक पहुंच गई है, जो पिछले साल की तुलना में ज्यादा है। पिछले साल 65,14,200 हेक्टेयर की बुवाई की गई थी। वक्त से पहले आती गर्मी की वजह से भले से किसान उत्पादन को लेकर परेशान हों, लेकिन सरकारी आंकड़ों की माने तो गेहूं की खेती का क्षेत्रफल पिछले साल की तुलना में बढ़ा है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, 4 फरवरी 2025 तक गेहूं की बुवाई 32,43,800 हेक्टेयर में की जा चुकी थी, जबकि पिछले साल इसी अवधि में ये आंकड़ा 31,83,300 हेक्टेयर था। गेहूं का सामान्य क्षेत्रफल 31,23,500 हेक्टेयर है।

इसके अलावा सरकारी आंकड़ों के मुताबिक रबी सीजन के दौरान धान की खेती भी बढ़ी है। इस साल धान की बुवाई 4,25,400 हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले साल के 4,05,900 हेक्टेयर से ज्यादा है।

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दलहन की खेती

दलहन, रबी मौसम की एक प्रमुख फसल है। इस साल दलहन की बुवाई का क्षेत्रफल भी बढ़ा है। आंकड़ों के मुताबिक, इस साल कुल 14,08,900 हेक्टेयर में दलहन की बुवाई हुई है, जो पिछले साल के मुकाबिले 13,78,000 हेक्टेयर से ज्यादा है। इसमें चना 9,85,500 हेक्टेयर, मसूर 1,74,300 हेक्टेयर, मटर 79,400 हेक्टेयर और उड़द 61,200 हेक्टेयर शामिल हैं। हालांकि, दलहन का सामान्य क्षेत्रफल लगभग 14,00,000 हेक्टेयर है। पिछले साल दलहन की बुवाई कम रही थी।

हालांकि इस बीच चने की बुवाई में कमी आई है। पिछले साल के मुकाबले चने की बुवाई में 2,44,000 हेक्टेयर की कमी आई है। आपको बता दें कि भारत दलहन का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। हमारी यहां करीब-करीब हर घर में दाल खाई जाती हैं। अगर दलहन की पैदावार पर असर पड़ा तो, उस कमी को पूरा करने के लिए हमें इसे दूसरे देशों से आयात करना पड़ेगा। जिसका असर सीधे-सीधे आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। हालांकि आयात को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने ‘पल्सेस मिशन’ शुरू किया है।

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दूसरी रबी फसलों की स्थिति

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मोटे अनाज और बाजरा की खेती का कुल क्षेत्रफल 5,52,500 हेक्टेयर तक पहुंच गया है। इसमें ज्वार 2,43,500 हेक्टेयर, मक्का 2,36,700 हेक्टेयर और जौ 62,000 हेक्टेयर है। ये पिछले साल के लगभग बराबर ही है।

तिलहन की कुल बुवाई 9,74,700 हेक्टेयर दर्ज की गई है, जिसमें सरसों प्रमुख फसल बनी हुई है। इस साल सरसों 8,93,000 हेक्टेयर में बोई गई है, जबकि पिछले साल इसका क्षेत्रफल 9,18,300 हेक्टेयर था।

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