भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR) ने रबी सीजन के लिए पूसा व्हीट क्रांति (HI-1669) किस्म की सिफारिश की है। यह किस्म ज्यादा तापमान सहने वाली, रोग-कीट प्रतिरोधी है और औसतन 59.2 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार देती है। यह खासकर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान, पश्चिमी यूपी और झांसी डिवीजन के लिए उपयुक्त है। वहीं, कृषि मंत्रालय 3 अक्टूबर से विकसित कृषि संकल्प अभियान शुरू कर किसानों तक नई तकनीक और समाधान पहुँचाएगा।
भारत गेहूं उत्पादन में दुनिया के बड़े देशों में से एक है। पिछले रबी सीजन में रिकॉर्ड तोड़ बुवाई और पैदावार हुई थी। अब खरीफ सीजन के बाद जब रबी की बुवाई शुरू होगी, तो किसानों को और बेहतर फसल दिलाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR) ने एक नई किस्म की सिफारिश की है।
क्या है खासियत?
इस किस्म का नाम है पूसा व्हीट क्रांति (HI-1669)। इसे आईसीएआर के इंदौर केंद्र ने विकसित किया है। यह किस्म समय पर बोई गई सिंचित जमीन के लिए सबसे बेहतर मानी गई है।
1.औसतन 59.2 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार देती है।
2.सिर्फ 119 से 136 दिन में फसल तैयार हो जाती है।
3.यह किस्म गर्मी झेलने में सक्षम है और कई बड़ी बीमारियों व कीटों से भी सुरक्षित रहती है।
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कहाँ होगी ज्यादा फायदेमंद?
यह किस्म खासकर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान (कोटा और उदयपुर संभाग), पश्चिमी उत्तर प्रदेश और झांसी डिवीजन के किसानों के लिए अनुशंसित है। इसे अपनाकर किसान अपनी आमदनी में अच्छी बढ़ोतरी कर सकते हैं।
सरकार की तैयारी
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि खरीफ सीजन में चलाया गया विकसित कृषि संकल्प अभियान (VKSA) अब रबी सीजन में भी 3 अक्टूबर से शुरू किया जाएगा। इस अभियान के तहत कृषि वैज्ञानिक गाँव-गाँव जाकर किसानों से जुड़ेंगे, उनकी समस्याएँ सुनेंगे और नए समाधान देंगे। साथ ही, जो किसान नए प्रयोग करते हैं, उनके अनुभव भी बाकी किसानों तक पहुँचाए जाएंगे।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।