जापान की बोकाशी खाद, जैविक खाद बनाने की पुरानी पद्दति है। ये खाद दूसरी खाद की तुलना में काफी अलग है, और यूरिया डीएपी के मुकाबले काफी सस्ती पड़ती है।
असम। जापान की बोकाशी खाद, भारत में मिलने वाली दूसरी खाद से जितनी अलग है, इसके बनाने का तरीका भी उतना ही अलग है। ये ऑर्गैनिक खाद जापान की सबसे पुरानी खाद बनाने की प्रक्रिया है। बोकाशी खाद को आग के सहारे तैयार किया जाता है। सबसे पहले धान की भूसी को बिल्कुल अलग तरीके से एक घंटे तक जलाया जाता है। इस दौरान इसका ध्यान रखना चाहिए कि, ये पूरी तरह से राख में ना बदल जाए। फिर इसमें चिकनी मिट्टी, चावल का पाउडर, गाय का गोबर मिक्स कसते हैं, लेकिन उससे पहले चावल के पाउडर को भी एक अलग प्रॉसेस से गुज़रना पड़ता है।
खाद बनाने के दौरान हमें ये सुनिश्चित करना होगा मात्रा हर किसी की फिक्स होगी, और हर किसी को एक एलग process से गुज़रना होगा। 10 क्विंटल बोकाशी खाद को बनाने में सिर्फ 2 हजार रुपये का खर्च आता है। जबकि दूसरी खाद जो मार्केट से लाते हैं वो 1400-1500 रुपये सिर्फ 50 किलो ही मिलती है। पैसे का तो फर्क है ही। बोकाशी खाद किसी भी दूसरी खाद की तुलना में कहीं ज्यादा दमदार होती है।

असम के चिरांग जिले के आधुनिक किसान अमर सिंह बासुमतारी अपने खेत में सिर्फ यही खाद डालते हैं, और बढ़िया पैदावार लेते हैं। वो स्ट्रॉबेरी, वनीला, तरबूज की खेती करते हैं। वो कहते हैं, इस खाद के इस्तेमाल से आपके खेत की मिट्टी की गणवत्ता बेहतर होती है, जिससे पैदावार बढ़िया मिलता है। वीडियो में समझिए खाद बनाने का पूरा तरीका।