MNC की नौकरी छोड़ बने किसान, असम के राहुल मात्र 1.5 एकड़ में पॉलीहाउस में खेती से सालाना 35 लाख रुपये की कर रहे कमाई

नौकरी छोड़ कर एक राहुल गुप्ता ने किसान बनना चुना

जहां एक तरफ युवा MBA जैसी अच्छी पढ़ाई करने के बाद कॉरपोरेट जॉब करते हैं, वहीं दूसरी तरफ असम के राहुल गुप्ता MBA करने के बाद MNC में अच्छी नौकरी की लेकिन अब असम के तिनसुकिया में 1.5 एकड़ में पॉलीहाउस में खेती कर रहे हैं।
ड्रिप सिंचाई और फर्टिगेशन की मदद से राहुल कीटनाशक मुक्त टमाटर, शिमला मिर्च और हाइड्रोपोनिक विधि से सब्जियां उगाते हैं, जिससे उन्हें सालाना 35 लाख रुपये की कमाई होती है।

अच्छी नौकरी छोड़ शुरू की खेती
राहुल ने यूनिवर्सिटी ऑफ वेल्स से फाइनेंस में एमबीए की डिग्री लेने के बाद, खेती करने से पहले चार साल से अधिक समय तक कोलकाता में काम किया। लेकिन अब अच्छी जगह नौकरी और अच्छा वेतन होने के बाद भी नौकरी छोड़ कर एक राहुल गुप्ता ने किसान बनना चुना। क्योंकि खेती में उन्हें मुनाफा और संतुष्टि दोनों मिलती है।

मात्र 1.5 एकड़ में खेती से ₹35 लाख की कमाई
2019 में 1,000 वर्ग मीटर के संरक्षित खेती के सेटअप से शुरुआत करते हुए, राहुल को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उनके दृढ़ संकल्प, शोध और उन्नत कृषि तकनीकों को अपनाने से उन्हें एक संपन्न कृषि व्यवसाय बनाने में मदद मिली। आज, वह 1.5 एकड़ में फैले पॉलीहाउस और ग्रीनहाउस फार्म का प्रबंधन करते हैं, जहाँ टमाटर, शिमला मिर्च, रंगीन शिमला मिर्च और हाइड्रोपोनिक पत्तेदार साग की खेती की जाती है। उनका दावा है कि कीटनाशक मुक्त, उच्च गुणवत्ता वाले टमाटर बिना रेफ्रिजरेशन के 25 दिनों तक ताज़ा रह सकते हैं।

तकनीक का सही इस्तेमाल
फसल की बेहतर वृद्धि के लिए उन्होंने ड्रिप सिंचाई और फर्टिगेशन जैसे तकनीक का इस्तेमाल किया है।इस हाई-टेक खेती से उनका ₹35 लाख का सालाना कारोबार होता है। वो बताते हैं कि संरक्षित खेती के लिए सरकारी सहायता और सब्सिडी भी देती है जिससे अच्छी आर्थिक मदद मिल जाती है शुरुआत करना आसान होता है। इतना ही नहीं कृषि क्षेत्र में सफलता के लिए उन्हें असम गौरव पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया है। आधुनिक खेती की तकनीक सीखने के लिए किसान और छात्र उनसे मिलने भी आते हैं।

साथ में पत्नी भी करती हैं काम
तो राहुल की कहानी ये बताती है कि कैसे तकनीक का सही इस्तेमाल करके किसान अनुत्पादक भूमि को उच्च-लाभ वाले कृषि व्यवसाय में बदल सकती है। उनकी पत्नी नेहा, जो खुद एमबीए हैं, सक्रिय रूप से उद्यम का समर्थन करती हैं, यह साबित करते हुए कि शिक्षित युवा खेती को एक स्मार्ट और स्केलेबल करियर विकल्प बना सकते हैं।

वीडियो देखिए –

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