हरियाणा में खरीफ 2023 के दौरान जिन किसानों का कपास(Cotton) का फसल नुकसान हो गया था। उसकी भरपाई के लिए हरियाणा फसल सुरक्षा योजना लागू की गई थी। जिसके तहत किसानों को मुआवजा दिया जा रहा है। इनमें मुख्यतः अम्बाला, हिसार, गुरुग्राम, जीन्द, करनाल, महेन्द्रगढ़ और सोनीपत के किसान शामिल हैं।
कपास खरीफ में उगाई जाने वाली एक प्रमुख नकदी फसल है। पंजाब, राजस्थान और हरियाणा उत्तर भारत के इन तीन राज्यों में कपास की खेती प्रमुखता से की जाती है।पिछले कुछ सालों से यहाँ के किसान फ़सल में लगने वाले रोग गुलाबी सुंडी से काफ़ी परेशान है।पिछले साल हरियाणा में गुलाबी सुंडी के प्रकोप और खराब मौसम की वजह से कपास की फसल को काफ़ी नुकसान हुआ था।उसी की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने मुआवजा जारी किया है। राज्य के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कंवरपाल ने बताया कि खरीफ 2023 के दौरान कपास की फसल को हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रभावित किसानों को 65 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा रही है। इसके अलावा, कृषि यंत्रों की खरीद के लिए किसानों के बैंक खाते में सब्सिडी के तौर पर 101 करोड़ रुपए भेजे गए हैं।
कृषि मंत्री कंवरपाल ने और क्या कहा?
मंत्री ने कहा कि क्लस्टर-दो के सात जिलों (अम्बाला, हिसार, गुरुग्राम, जीन्द, करनाल, महेन्द्रगढ़ तथा सोनीपत ) में खरीफ 2023 के दौरान कपास की फसल को नुकसान हुआ था।इनमें प्रभावित किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए हरियाणा फसल सुरक्षा योजना लागू की गई थी। वर्तमान में 65 करोड़ रुपये की राशि सीधे तौर पर 15,314 पात्र किसानों के खातों में आर्थिक मदद के रूप में जारी की जा रही है।
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कृषि मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के अंतर्गत खरीफ 2024 के लिए क्लस्टर-एक में एग्रीकल्चर इंश्योरेंस बीमा कम्पनी द्वारा बीमा किया जा रहा है। जबकि क्लस्टर-दो में एचडीएफसी एर्गो (HDFC Ergo) व क्लस्टर-तीन में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी (Reliance General Insurance Company) द्वारा फसलों को बीमित करने के लिए चयन किया गया है। यानी हरियाणा में इस साल फसल बीमा करने का काम तीन कंपनियां कर रही हैं।
परली मैनेजमेंट को ले के कंवर पाल ने कहा कि राज्य सरकार पिछले कई वर्षों से फसल अवशेष प्रबंधन खासतौर पर पराली मैनेजमेंट के लिए कई योजनाएं चला रही है।जिसके अंतर्गत किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कृषि यंत्र उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। वर्तमान में 101 करोड़ रुपये की राशि सीधे किसानों के खातों में कृषि यंत्रों की खरीद पर दी जाने वाली सब्सिडी के रूप में जमा करवाई गई है।
और कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष में भी किसान फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों की खरीद पर सब्सिडी के लिए कृषि विभाग की वेबसाइट पर 4 अगस्त, 2024 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
कृषि मंत्री ने बताया कि अगर किसान केसीसी (Kisan Credit Card) में दर्ज फसल को बदल कर अन्य फसलों की बुवाई करते हैं तो इसकी सूचना अपने संबंधित बैंक शाखा को दें, ताकि सही फसल का बीमा हो सके। किसानों को क्लेम राशि समय पर दी जा सके। इसके अतिरिक्त जिन किसानों ने बैंकों से फसली ऋण नहीं लिया है वे सभी किसान सीएससी केंद्रों पर जाकर अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं। जो किसान खुद अपनी फसलों का बीमा करवाना चाहते हैं वे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की वेबसाईट www.pmfby.gov.in पर जाकर अपनी फसलों का बीमा कर सकते हैं।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।