उत्तर प्रदेश: ग्राम समाज की भूम‍ि पर होगा चारा उत्‍पादन, यूपी चारा नीत‍ि को मंजूरी

यूपी चारा नीत‍ि

उत्तर प्रदेश में पशुधन की कमी दूर करने के ल‍िए ग्राम समाज की भूम‍ि पर चारे का उत्‍पादन कराया जायेगा। इसके ल‍िए कैब‍िनेट ने यूपी चारा नीत‍ि (वर्ष 2024 से 2029 तक) को मंजूरी दे दी है। पशुधन व दुग्‍ध व‍िकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि पशुधन की जरूरत के ल‍िहाज से हरे चारे की 44.15 फीसदी व सूखे चारे की 21.2 फीसदी कमी है। इसे देखते हुए नीत‍ि बनाई गई है।

राज्‍य के चारागाहों और खाली जमीन को च‍िन्‍ह‍ित कर चारे का उत्‍पादन कराया जायेगा। चारा नीत‍ि के माध्‍यम से न‍िजी संस्‍थाओं के सहयोग से पब्‍ल‍िक प्राइवेट पॉल‍िसी (पीपीपी) के तहत कार्ययोजना बनाई जाएगी। च‍िन्हिति ग्राम समाज की भूम‍ि पर चारा उत्‍पादन के ल‍िए भूम‍ि प्रबंधक समिति, एनजीओ, कृषकों, पुशपालकों को न‍िशुल्‍क चारा बीज, नैप‍ियर घास की रूट स्‍ल‍िप और पौध उपलब्‍ध कराई जाएगी।

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पंजीकृत गोशालाओं, राजकीय गो आश्रय स्‍थलों को चारा उत्‍पादन के ल‍िए बीज और रूट स्‍ल‍िप न‍िशुल्‍क द‍िया जायेगा। उन्‍होंने कहा कि इससे चारा उत्‍पादकों की आय और बुन‍ियादी सुव‍िधाएं बढ़ेंगी। चारा उत्‍पादन की परंपरागत पद्धति में बदलाव होगा और लागत कम होगी। इससे दैवी आपदा में चारे व भूसे की कमी पूरी की जा सकेगी। साथ ही स्‍थायी डेयरी क्षेत्र का व‍िकास और रोजगार के अवसर बढ़ेंगी।

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