चंड़ीगढ़/नईदिल्ली/लखनऊ। चंडीगढ़ में किसान और सरकार के बीच 5 घंटे से ज्यादा चली मैराथन बैठक बेनतीजा रही। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार सिर्फ किसान आंदोलन को रोकने के लिए समय की मांग कर रही थी, जबकि सरकार ने कहा कि अधिकांश विषयों पर सहमति तक पहुंचे, हमें उम्मीद है आगे बातचीत से समाधान निकाल लेंगे।
एमएसपी पर गारंटी कानून समेत अन्य कई मांगो को लेकर कई राज्यों के किसान दिल्ली के लिए कूच कर चुके हैं। सरकार ने दिल्ली समेत पंजाब हरियाणा के कई जिलों में धारा 144 लगा दी है। प्रशासन ने कई बॉर्डर भी सील कर दिए है। इस दौरान किसान और सरकार के बीच बीती रात चंडीगढ़ में बैठक हुई। यह बैठक बेनतीजा रही है।
चंड़ीगढ़ में हुई मैराथन बैठक के दिल्ली की तरफ हजारों किसानों के कूच का सिलसिला जारी है। किसानों के साथ बैठक के बाद केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा, “किसान संगठनों के साथ गंभीरता से बातचीत हुई। सरकार हमेशा चाहती है कि बातचीत के माध्यम से समाधान निकले,अधिकांश विषयों पर हम सहमति तक पहुंचे लेकिन कुछ विषयों पर हमने स्थाई समाधान के लिए कमेटी बनाने को कहा हम अभी भी मानते हैं कि किसी भी समस्या का समाधान बातचीत से हो सकता है। हम आशान्वित है कि आगे बातचीत के जरिए हम समाधान निकाल लेंगे।
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी (KMSC) के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा कल सुबह 200 किसान संगठन दिल्ली की ओर कूच करेंगे। अधूरे रह गए आंदोलन को पूरा करने के लिए वह दिल्ली कूच करेंगे। फिलहाल 9 राज्यों के किसान संगठन संपर्क में हैं । पुडुचेरी, कर्नाटक, तमिलनाडु, एमपी, यूपी , उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब सभी राज्य आंदोलन के लिए तैयार हैं।”
केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसानों की बैठक के बाद किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के संयोजक सरवन सिंह पंढेर ने कहा “सरकार के पास कोई प्रस्ताव नहीं है, वे बस समय निकालना चाहते हैं। हम लोगों ने पूरी कोशिश की है कि हम मंत्रियों से लंबी बातचीत करें और कोई निर्णय निकले लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं।”
मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा “हमने कल की बैठक में एक समाधान खोजने की कोशिश की ताकि हम सरकार से टकराव से बचे और हमें कुछ मिले । हमने कल उनके सामने हरियाणा की स्थिति रखी । पंजाब और हरियाणा के लोगों पर अत्याचार हो रहा है । ऐसा लगता है कि ये दोनों राज्य अब भारत का हिस्सा नहीं हैं इन्हें अंतर्राष्ट्रीय सीमा माना जा रहा है।”
कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा “मोदी सरकार की ओर से पूरा प्रयास किया जा रहा है कि किसान दिल्ली ना आएं । ये मोदी सरकार की मंशा को दर्शाता है कि किस गैरलोकतांत्रिक तरीके से किसानों को रोका जा रहा है। जब प्रधानमंत्री ने तीन कृषि कानूनों को वापस लिया था तो उन्होंने किसान संगठनों से कुछ वादे किए थे जो पूरे नहीं हुए।”
किसान नेता लखविंदर सिंह ने कहा “सभी लोग एकदम तैयार हैं। बैठक चल रही हैं हम नहीं चाहते कि हमारी वजह से आम जनता को परेशानी हो। हमारी ओर से कोई परेशानी ना हो इसलिए हमने लंबी कतारे लगाई हैं आगे क्या होता है देखा जाएगा।”
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