बस्ती (उत्तर प्रदेश)। आम की सघन बागवानी करके कम समय में अच्छी कमाई की जा सकती है। पूसा और सीआईएसएच द्वारा विकसित बौनी किस्मों में फलत अच्छी होती है। इन किस्मों की सबसे खास बात कि इनमें दूसरे साल ही फल आने शुरू हो जाते हैं। किसान इन किस्मों की बागवानी करके अच्छी कमाई कर सकते हैं।बस्ती स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के पादप सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ प्रेम शंकर ने आम की सघन बागवानी वाली बौनी किस्मों की बागवानी के बारे में विस्तार से बताया है।
टॉमी एटकिन्स- आम की ये किस्म किस्म काफी खास होती है। इसका फल खाने में मीठा होता है। पकने के बाद बैगनी हो जाता है। इसका आकार 250 400 ग्राम तक होता है।
सीआईएसएच-अम्बिका- इस किस्म के फल जुलाई के महीने में पकते हैं। पेड़ में दूसरे साल फल आने लगते हैं। इस किस्म की सबसे खास बात ये कि इसे घर में बड़े गमलें में भी लगाया जा सकता है। इस किस्म के फलों का आकार 250 से 300 ग्राम के बीच होता है।
पूसा प्रतिभा- रंगीन आमों की इस बौनी किस्म में दूसरे साल ही फल आने लगते हैं। इसके फल 15 जुलाई के बाद पकते हैं। इसके पेड़ों का रखरखाव करके किसान अच्छी फलत ले सकते हैं। सघन बागवानी में इसके पौधों की रोपाई 5*5 फीट की दूरी पर करना चाहिए। फल को कीट से बचाने के लिए किसान फ्रूट फ्लाई ट्रैप जरुर लगाएं। बाग में फल लगने से टूटने तक पर्याप्त नमी बनाये रखें।
पूसा श्रेष्ठ- इस किस्म के फलों का आकार 300 से 500 ग्राम के बीच होता है। इस किस्म का आम काफी मीठा होता है, खाने में दूसरें फलों के मुकाबले काफी बेहतर होता है।
पूसा लालिमा- इस खास बौनी किस्म का फल जुलाई के अंत में पकना शुरु होते हैं। इस किस्म के फलों का बाजार में अच्छा भाव मिलता है। ये प्रति किलो 350 से 400 रुपये के हिसाब से बिकता है। इसका स्वाद दूसरे आमों की अपेक्षा काफी बेहतर होता है।
पूसा अरुणिमा- इस खास रंगीन किस्म का फल सेबनुमा आकार का होता है। इस किस्म के पौधे तीसर साल फल देने लगते हैं।
बस्ती स्थित उद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र के संयुक्त निदेशक वीरेंद्र यादव के मुताबिक आम की ये सभी बौनी किस्म हर साल फल देती हैं। वैज्ञानकों ने इन किस्मों को विकसित करने में काफी मेहनत की है। पहली कि किस्में एक साल छोड़कर फल देती थी। सघन बागवानी के लिए ये सभी किस्में उपयुक्त होती हैं। इन किस्मों की कीपिंग क्वालिटी काफी अच्छी होती है। निर्यात के लिए ये सभी किस्में अच्छी मानी जाती हैं।
मटरनुमा दाने झड़नें पर करें ये छिड़काव
अगर पेड़ से मटरनुमा फल झड़नें तो ऐसी स्थिति में पलानोफिक्स का 1 मिली प्रति एक लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें। छिड़काव करते करते समय इस बात का ध्यान रखें कि पानी पेड़ से चूने लगे।
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