बेकार खाली पड़ी जमीन से कमायें करोड़ों.. ऐसे शुरू करें मछली पालन, सरकार भी करेगी मदद

मछली पालन

क्या आपके पास भी बेकार खाली पड़ी जमीन है? और आप उसका इस्तेमाल करना चाहते हैं, लेकिन समझ नहीं पा रहे हैं कि कैसे शुरुआत की जाए? तो ये खबर आपके लिए है। असम के Biswanath जिले के किसान अनूप शर्मा ने इसी तरह के खाली पड़े जमीन का काफी अच्छा इस्तेमाल किया है, जिससे उनकी कमाई अब करोड़ों में होती है।

सालाना करीब 4 करोड़ रुपये का टर्नओवर
किसान अनूप शर्मा ने बॉटनी से मासर्ट्स करने के बाद कई साल नौकरी की, लेकिन मजा नहीं आया तो गांव लौटकर मछली पालन में हाथ आज़माया। शुरुआती दौर में जानकारी नहीं होने की वजह से नुकसान हुआ, लेकिन वक्त के साथ समझ बेहतर होती गई। 2017 में 10 एकड़ से शुरू हुआ मछली पालन का सफर आज 110 एकड़ में फैल गया है, और सालाना टर्नओवर करीब 4 करोड़ रुपये का है। अनूप के fish farming के टिप्स आपकी कामयाबी की सीढ़ी बन सकते हैं।

दूसरे राज्यों में भी करते हैं सप्लाई
अनूप के तालाबों की मछलियां देश के कई हिस्सों में सप्लाई होती हैं। अनूप के मुताबिक मछली पालन एक ऐसा बिजेनस है, अगर आप ने इसकी कुछ बातें सीख ली तो मुनाफे की गारंटी है।

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भारत मछली उत्पादन में दूसरा सबसे बड़ा देश
आपको बता दें कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादन करने वाला देश है। आज विश्व का 8% मतलब, करीब 184 लाख टन मछली का उत्पादन अकेले भारत करता है। पिछले 75 सालों में मछली उत्पादन में करीब 18 गुना की बढ़ोत्तरी हुई है।

2025-26 बजट में 3.3 % की वृद्धि
2025-26 में मत्स्य पालन के लिए अब तक का सबसे बड़ा वार्षिक बजटीय समर्थन 2,703.67 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया है। ये भारत की Aquaculture और समुद्री खाद्य निर्यात में वैश्विक नेतृत्व की उपलब्धि का प्रमाण है।

बढ़ा रहा है Consumption
पूर्वोत्तर भारत के प्रवेश द्वार असम में भी पिछले कुछ सालों में मछली का कंजम्पशन तेजी से बढ़ा है। खास कर कोरोना काल के बाद। जिस तेजी से यहां मछली की खपत बढ़ी है, उसी तादाद में उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी देखी गई है। धीरे-धीरे मछली पालन आजीविका के साधन से बढ़कर तरक्की का रास्ता बन गया है।

इस वीडियो में आप क्या सीखेंगे?
✅ भारत का तेज़ी से बढ़ता जलीय कृषि क्षेत्र
✅ नीली क्रांति और प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना जैसी सरकारी योजनाएँ
✅ असम में बाज़ार की माँग और मछली की सर्वोत्तम प्रजातियाँ
✅ बहु-प्रजाति मत्स्य पालन तकनीकें
✅ जलवायु चुनौतियों के बावजूद प्राकृतिक जल संसाधनों में कैसे सुधार हो रहा है

देखिए वीडियो –

Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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