नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट ने आज मार्केटिंग सीजन 2025-26 के लिए 6 रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) को मंजूरी दे दी है। सरकार किसानों को उचित दाम देने के इरादे से MSP दर में बढ़ोत्तरी कर दी है। केंद्र ने सबसे ज़्यादा चना, मसूर दाल और सरसों के MSP को भी बढ़ाया है।
दीपावली से पहले केंद्र सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने 2025-26 के लिए 6 रबी फसलों के लिए नई MSP रेट जारी कर दी है। रैपीसीड/सरसों के लिए MSP में सबसे अधिक 300 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। वहीं गेहूं के MSP में 150 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है, अब गेहूं पर MSP 2425 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। सरकार की पूरी कोशिश है कि किसानों को उनके उपज का सही दाम मिले। किसानों की आय बढ़े और किसानों की आय दोगुनी करने का प्रधानमंत्री मोदी का सपना पूरा हो सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने मार्केटिंग सीजन 2025-26 के दौरान रबी फसलों के लिए MSP में वृद्धि को मंजूरी दी है। कैबिनेट समिति की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज इसकी घोषणा की। एक अधिसूचना जारी कर सरकार ने बताया कि गेहूं के लिए MSP 2275 रुपये से बढ़ाकर 2425 रुपये प्रति क्विंटल की गई है। वहीं, जौ का MSP 1850 रुपये से बढ़ाकर 1980 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।
इन फसलों की बढ़ी MSP
रबी फसलें | MSP 2025-26 के लिए | MSP 2024-25 के लिए | MSP में बढ़ोत्तरी |
गेहूं | 2425 | 2275 | 150 |
जौ | 1980 | 1850 | 130 |
चना | 5650 | 5440 | 210 |
मसूर दाल | 6700 | 6425 | 275 |
रेपसीड-सरसों | 5950 | 5650 | 300 |
कुसुम | 5940 | 5800 | 140 |
चना पर 210 रुपये MSP बढ़ाई गई
चने पर MSP 5440 रुपये से बढ़ाकर 5650 रुपये प्रति क्विंटल की गई है। दाल (मसूर) पर MSP 6425 रुपये से बढ़ाकर 6700 रुपये प्रति क्विंटल की गई है। सरसों पर MSP 5650 रुपये से बढ़ाकर 5950 रुपये प्रति क्विंटल की गई। वहीं, सूरजमुखी पर MSP 5800 रुपये से बढ़ाकर 5940 रुपये प्रति क्विंटल की गई है। रबी फसलों के लिए MSP में यह बढ़ोतरी केंद्र सरकार के 2018-19 के बजट में की गई घोषणा के अनुरूप है, जिसमें MSP को उत्पादन की कुल लागत से कम से कम डेढ़ गुना तय करने की बात की गई थी। MSP में बढ़ोतरी से किसानों न केवल फसलों के लिए बेहतर कीमत मिलेगी, बल्कि यह फसल विविधता को भी प्रोत्साहित करेगा। इससे कृषि क्षेत्र में स्थिरता आएगी और किसानों की आय में सुधार होगा।
क्या होता है MSP?
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) वो गारंटीड मूल्य होता है, जो सरकार किसानों को उनकी फसलों के लिए तय करती है। इस मूल्य को तय करने का उद्देश्य यह है कि बाजार में फसलों की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव से किसानों को नुकसान न हो। इससे ये होता है कि अगर मार्केट में उत्पाद का रेट MSP से कम होता है तो किसान अपनी फसल सरकार को बेच कर घाटा से बच सकते हैं।
सरकार हर फसल सीजन से पहले कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइसेस (CACP) की सिफारिश पर MSP तय करती है। MSP में कुल 23 फसलें शामिल हैं। इसमें सात प्रकार के अनाज धान, गेहूं, बाजरा, मक्का, ज्वार, रागी और जौ शामिल हैं। पांच प्रकार की दालें अरहर, चना, उड़द, मूंग और मसूर शामिल हैं। सात तिलहन फसलें सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल, कुसुम, निगरसीड और चार व्यावसायिक फसलें गन्ना, कपास, खोपरा व कच्चा जूट शामिल हैं।
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