केंद्र सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल से निर्यात प्रतिबंध हटाया, जानिए क्या होगा इसका असर 

गैर-बासमती चावल

सरकार ने गैर-बासमती चावल के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य हटा दिया है और उबले और छिलके वाले चावल को निर्यात शुल्क से छूट दे दी है। ये बदलाव 22 अक्टूबर से प्रभावी हो गए हैं। यह कदम निर्यात प्रतिबंध को हटाने के बाद उठाया गया है। इन कदमों का उद्देश्य चावल के स्थिर स्टॉक और नियंत्रित खुदरा कीमतों के बीच चावल के निर्यात को बढ़ावा देना है।

केंद्र सरकार गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है। सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 490 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य(MEP) हटा दिया है। यह फैसला 23 अक्टूबर को लिया गया। इससे पहले 28 सितंबर को सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर से पूरी तरह से रोक हटा दी थी और MEP लागू किया था।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने बुधवार को गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर लगने वाले न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP)  को हटाने का फैसला किया है। 23 अक्टूबर को आए फैसले के अनुसार
गैर बासमती सफेद चावल पर लगने वाले 490 अमेरिकी डॉलर प्रति टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) को हटा दिया गया है।

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किसानों को होगा इससे फ़ायदा
आपको बता दें कि गैर-बासमती सफेद चावल एक आम किस्म का चावल है। इससे MEP हटाने का मतलब है कि अब भारतीय कंपनियां गैर-बासमती सफेद चावल को किसी भी कीमत पर विदेश में बेच सकती हैं। पहले उन्हें तय कीमत से कम पर चावल निर्यात करने की अनुमति नहीं थी। चावल की मांग बढ़ने से किसानों को बेहतर दाम मिल सकते हैं। इससे उनकी आय में बढ़ोतरी हो सकती है। लेकिन घरेलू बाजार में चावल के दाम बढ़ने के खतरे भी हैं। इससे देश में चावल महँगा हो सकता है, जिससे की खाद्य महँगाई और बढ़ सकती है। 

इन देशों में हो रहा था एक्सपोर्ट
भारत ने चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अगस्त के दौरान 20.1 करोड़ डॉलर मूल्य के गैर-बासमती सफेद चावल एक्सपोर्ट किया है। वर्ष 2023-24 में यह एक्सपोर्ट  85 करोड़ 25.2 लाख डॉलर का हुआ था। हालांकि एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध था, लेकिन सरकार मालदीव, मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और अफ्रीका जैसे मित्र देशों को एक्सपोर्ट  खेप की अनुमति दे रही थी।

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