organic farming

PM PRANAM योजना क्या है? जैविक खेती करने वाले किसानों को कैसे मिलेगा इसका लाभ

PM PRANAM योजना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है. इसका उद्देश्य सरकार पर सब्सिडी का बोझ कम करने के अलावा खेती में रासायनिक उर्वरकों की जगह वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देना है. इसके तहत सरकार जैविक खेती से पैदा होने वाले उत्पादों की मार्केटिंग पर भी जोर देती है, जिससे उन किसानों को इसका सीधा फायदा मिलता है जो जैविक खेती करते हैं.

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कॉफ़ी

भारत दुनिया का सातवां सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक देश

भारत ग्लोबल लेवल पर सातवां सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक बन गया है, जिसका एक्सपोर्ट साल 2024 में लगभग दोगुना होकर 1.29 बिलियन डॉलर हो गया है. प्रमुख खरीदारों में इटली, बेल्जियम और रूस शामिल हैं. एकीकृत कॉफी विकास परियोजना(आईसीडीपी) कॉफी उद्योग को मजबूत करने के लिए पैदावार में सुधार और खेती के विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर रही है.

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तुअर दाल

केंद्र सरकार ने तुअर दाल के शुल्क मुक्त आयात को 31 मार्च 2026 तक बढ़ाया, क़ीमतों पर क़ाबू पाना उद्देश्य

केंद्र सरकार ने तुअर दाल की क़ीमतों पर अंकुश लगाने और मार्केट में सप्लाई को बनाये रखने के लिए इसके शुल्क मुक्त आयात को मार्च 2026 तक बढ़ा दिया है. हाल की कुछ गिरावटों के बावजूद, तुअर की खुदरा कीमतें ऊंची बनी हुई हैं. इस उपाय का उद्देश्य कम घरेलू उत्पादन के प्रभाव को दूर करना और चल रही खाद्य मुद्रास्फीति चिंताओं के बीच पर्याप्त सप्लाई सुनिश्चित करना है।

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अरहर की खेती

एक एकड़ खेत में 19.50 क्विंटल अरहर की रिकार्ड पैदावार करने वाले किसान हनुमंत से सीखें खेती का तरीका।

महाराष्ट्र। “सामान्य तरीक़े से खेती करने पर 5 से 6 क्विंटल अरहर की पैदावार होती थी. लेकिन इस बार मैंने खेती का तरीक़ा बदला तो एक एकड़ खेत में 19.50 क्विंटल अरहर का रिकॉर्ड उत्पादन मिला, जो सामान्य से बहुत अधिक है.” ये कहना है सोलापूर, महाराष्ट्र के किसान हनुमंत रोकड़े का.

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भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले देशों में एक है। हम दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। हम 2047 तक विकसति भारत का ख्वाब संजोए बैठे हैं।

भारत को 2047 तक विकसित कृषि अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सात जरूरी कदम

भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले देशों में एक है। हम दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, और 2047 तक विकसति भारत का ख्वाब संजोए बैठे हैं। अगर हमें इस लक्ष्य को हासिल करना है तो, कृषि अर्थव्यवस्था को मज़बूत बनाना होगा। भारत का कृषि क्षेत्र फिलहाल एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा…

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shivraj

बाजार में गेहूं, चावल, चना, सरसों की कीमत MSP से ज़्यादा…कृषि योजनाओं की समीक्षा बैठक में बोले कृषि मंत्री शिवराज चौहान

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार, 20 जनवरी को कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कृषि मुद्दों पर समीक्षा बैठक की। समीक्षा बैठक में रबी की बुआई की प्रगति, मौसम की स्थिति, राष्ट्रीय कीट सर्वेक्षण प्रणाली (NPSS) के माध्यम से कीट सर्वेक्षण, कृषि उत्पादों के आयात और निर्यात सहित मार्केटिंग से संबंधित कई मुद्दे पर चर्चा हुई।

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गेहूं फसल

रबी फसल की बुवाई 640 लाख हेक्टेयर के पार…तिलहन में गिरावट, गेहूं का रक़बा बढ़ा

चालू रबी सीजन की बुआई के आंकड़े एक बार फिर जारी हो गए हैं। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने 20 जनवरी 2024 तक रबी फसलों के अंतर्गत बुआई क्षेत्र के आँकड़े जारी किए हैं। जो बताती है कि अब तक रबी फसल की बुवाई 640 लाख हेक्टेयर से अधिक हो चुकी है।

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लहसुन

Mulching विधि से लहसुन की खेती, लाखों की कमाई…रतलाम के इस किसान से जानिए तरीक़ा

“हमारा पुश्तैनी परिवार खेती करता रहा है। उस खेती से हटकर मैंने मल्चिंग तकनीक(Mulching) में खेती शुरू की। यह मेरा दूसरा साल है। शुरुआत में मुझे दिक्कतें हुईं। फिर मैंने ज़रूरत की मशीन मँगवा ली। सामान्य लहसुन और इस लहसुन में अंतर यह है कि इसकी गुणवत्ता बेहतर होता है और उत्पादन भी दोगुने से ज्यादा है।” यह कहना है किसान जगदीश पाटीदार का।

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BKU1

26 जनवरी को देशभर में ट्रैक्टर परेड निकालेंगे किसान, 9 फरवरी से किसान-मजदूर महापंचायत राकेश टिकैत का बड़ा ऐलान

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने शनिवार को प्रयागराज में किसान महाकुंभ राष्ट्रीय चिंतन शिविर का आयोजन किया। इस दौरान किसान-मजदूर महापंचायत का आयोजन भी हुआ। इस अवसर पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने घोषणा किया कि 26 जनवरी को देशभर में किसान ट्रैक्टर परेड निकालेंगे। किसानों के मुद्दों को लेकर उत्तर प्रदेश में 9 फरवरी से 28 फरवरी के बीच यूपी के अलग-अलग जिलों में 11 किसान-मजदूर महापंचायतें आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि शंभु और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को और मजबूती दी जाएगी तथा किसानों की समस्याओं को लेकर संघर्ष जारी रहेगा।

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farmer registry

Farmer Registry कराना क्यों है ज़रूरी?

उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के किसानों की किसान रजिस्ट्री (Farmer Registry) करा रही है। राज्य सरकार का कहना है कि इससे किसानों को सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ लेने में आसानी होगी। तो अगर आप यूपी के किसान हैं तो आपको Farmer Registry करवाना अनिवार्य है। उत्तर प्रदेश सरकार ने फार्मर रजिस्ट्री 2025 के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 निर्धारित की है।अगर आप अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए हैं, तो इस तिथि से पहले अपनी रजिस्ट्री जरूर पूरी कर लें।

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