पराली ना सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है, हमारे खेतों को भी बर्बाद कर रही है, उनकी उर्वरक क्षमता को कम कर रही है। सबसे ज्यादा पराली धान 43% फीसदी, गेहूं 21%  और गन्ने 19 % फसलों से निकलती है।

पराली से सिर्फ पर्यावरण को नुकसान नहीं, खेत, पैसा, स्वास्थ्य सब बर्बाद हो रहा

पराली ना सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है, हमारे खेतों को भी बर्बाद कर रही है, उनकी उर्वरक क्षमता को कम कर रही है। सबसे ज्यादा पराली धान 43% फीसदी, गेहूं 21%  और गन्ने 19 % फसलों से निकलती है। अक्टूबर का महीना चल रहा है, और दिवाली करीब है। ये वही मौसम है,…

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जम्मू-कश्मीर के किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि का इंतजार खत्म हो गया है। राज्य के लिए योजना की 21वीं किस्त सरकार ने एडवांस में जारी कर दी गई है।

जम्मू-कश्मीर के किसानों को क्यों पहले दी गई PM किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त?

जम्मू-कश्मीर के किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि का इंतजार खत्म हो गया है। राज्य के लिए योजना की 21वीं किस्त सरकार ने एडवांस में जारी कर दी गई है। 171 करोड़ रुपये की इस रकम का फायदा प्रदेश के 8.55 लाख किसानों को होगा। हालांकि अभी दूसरे राज्यों को 21वीं किस्ता के लिए…

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महाराष्ट्र

महाराष्ट्र में कर्ज़मुक्ति के बिना राहत पैकेज पर किसान सभा का विरोध

किसान सभा ने महाराष्ट्र सरकार के ₹31,628 करोड़ राहत पैकेज की आलोचना करते हुए कहा कि सबसे जरूरी कदम किसानों को पूरी तरह कर्ज़मुक्त करना है। पैकेज में केवल ₹6,500 करोड़ नई सहायता है, बाकी राशि पुराने प्रावधानों और फसल बीमा का जोड़ है। किसान सभा ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी मांगें नहीं मानेगी, तो 10 अक्टूबर को सभी तहसील कार्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

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महाराष्ट्र

महाराष्ट्र सरकार का किसानों के लिए ₹31,628 करोड़ का बड़ा राहत पैकेज

महाराष्ट्र सरकार ने बाढ़ और फसल नुकसान से जूझ रहे किसानों के लिए ₹31,628 करोड़ का राहत पैकेज घोषित किया है। इस पैकेज में ₹18,000 करोड़ का फसल बीमा, प्रति हेक्टेयर ₹47,000 नकद और ₹3 लाख मनरेगा सहायता शामिल है। फसल नुकसान के लिए ₹6,175 करोड़ और रबी फसलों के लिए अतिरिक्त ₹10,000 प्रति हेक्टेयर की मदद दी जाएगी। यह राहत 29 जिलों के किसानों को मिलेगी, जहां 68 लाख हेक्टेयर फसलें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं।

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जम्मू-कश्मीर

जम्मू-कश्मीर के किसानों को पीएम-किसान योजना की 21वीं किस्त अग्रिम रूप से जारी

जम्मू-कश्मीर में बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम-किसान योजना की 21वीं किस्त अग्रिम रूप से जारी की है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 8.55 लाख किसानों के खातों में 171 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। इसके साथ ही सरकार ने मनरेगा में 150 दिन का रोजगार और आपदा प्रभावित परिवारों के लिए अतिरिक्त मदद की घोषणा की है।

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तिलहन फसलों को बढ़ावा

बिहार सरकार का चौथा कृषि रोड मैप: तिलहन फसलों को बढ़ावा

बिहार सरकार ने चौथे कृषि रोड मैप के तहत तिलहन फसलों को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में लगभग 25.85 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य खाद्य तेल उत्पादन बढ़ाना, तेल आयात पर निर्भरता कम करना और किसानों की आय बढ़ाना है। योजना के तहत बीज वितरण, उर्वरक, प्रशिक्षण और आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे तिलहन फसलों का क्षेत्रफल और उत्पादन दोनों बढ़ेंगे और कृषि क्षेत्र में समग्र विकास होगा।

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खरीफ फसलों की बुवाई में बढ़ोतरी

खरीफ फसलों की बुवाई में बढ़ोतरी, मक्का और उड़द के बुवाई क्षेत्र में वृद्धि

इस साल खरीफ फसलों की बुवाई क्षेत्र 1121 लाख हेक्टेयर से अधिक रहा, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 6.5 प्रतिशत अधिक है। खासतौर पर मक्का और उड़द के बुवाई क्षेत्र में वृद्धि हुई है, जबकि कुछ तिलहन और दालों में मामूली कमी देखी गई। कुल मिलाकर मोटे अनाजों के बुवाई क्षेत्र में बढ़ोतरी से उत्पादन और किसानों की आय बढ़ने की उम्मीद है।

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राजस्थान में अनार की फसल पर रोग का असर

राजस्थान में अनार की फसल पर रोग का असर, केंद्रीय कृषि मंत्री ने दिए जांच के निर्देश

राजस्थान के बालोतरा और आसपास अनार की फसल पर रोग फैलने की खबरों पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तत्काल जांच के निर्देश दिए हैं। ICAR की टीम प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का आकलन करेगी और रिपोर्ट के आधार पर रोग प्रबंधन व आधुनिक तकनीक अपनाने की कार्ययोजना बनाई जाएगी। किसानों को प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता भी दी जाएगी।

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पल्सेज आत्मनिर्भरता मिशन

पल्सेज आत्मनिर्भरता मिशन: भारत में दलहन उत्पादन को बढ़ावा देने की पहल

पल्सेज आत्मनिर्भरता मिशन का उद्देश्य भारत को दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है और आयात पर निर्भरता कम करना है। मिशन के तहत तुअर, उरद और मसूर जैसी फसलों के लिए MSP आधारित खरीद और उन्नत बीज, सिंचाई, भंडारण व प्रसंस्करण सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी। इससे किसानों की आय बढ़ेगी, घरेलू दलहन आपूर्ति सुनिश्चित होगी और पोषण सुरक्षा मजबूत होगी। मिशन 2025-26 से 2030-31 तक चलेगा और भारत को भविष्य में दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करेगा।

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डिजिटल ऐप से किसानों को मिलेगा सीधा फायदा

अब कपास बेचना हुआ आसान, डिजिटल ऐप से किसानों को मिलेगा सीधा फायदा

इस साल से कपास किसानों के लिए बिक्री आसान हो गई है। कपास किसान ऐप से किसान समय स्लॉट बुक कर सीधे खरीद केंद्र पर बिना कतार लगे कपास बेच सकते हैं। MSP मध्यम किस्म के लिए ₹7,710 और लंबी किस्म के लिए ₹8,110 है। 2025-26 में कपास की खेती का क्षेत्र 79.54 लाख हेक्टेयर पहुंचा है, और खरीद प्रक्रिया अक्टूबर में शुरू हो गई है।

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