खाद्यान्न में धान, गेहूं, मोटे अनाज और दालें शामिल हैं।

केंद्र सरकार ने फसल वर्ष 2025-26 के लिए रिकॉर्ड 354.64 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन का रखा लक्ष्य

भारत ने 2025-26 के फसल वर्ष में खाद्यान्न उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि करने का लक्ष्य रखा है, जो कि अनुमानित अनुकूल मानसून वर्षा से प्रेरित है। यह लक्ष्य मौजूदा वर्ष के 341.55 मिलियन टन के लक्ष्य से अधिक है। चावल उत्पादन 147.35 मिलियन टन तक पहुँचने का अनुमान है, जबकि गेहूँ उत्पादन 117.40 मिलियन टन निर्धारित किया गया है।

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भारत में पश्चिम बंगाल और असम में बड़े पैमाने पर चाय की खेती होती है। बंगाल में सिलीगुड़ी, जलपाईगुड़ी, दार्जलिंग को टी स्टेट का गढ़ माना जाता है

आपकी चाय में रंगत लाने के लिए इन्होंने कितना कुछ खो दिया

पश्चिम बंगाल के टी स्टेट में काम करने वाले लोगों का हाल बहुत पुरा है। उन्हें दिन का महज 232 रुपये ही मेहनताना मिलता है। भारत में पश्चिम बंगाल और असम में बड़े पैमाने पर चाय की खेती होती है। बंगाल में सिलीगुड़ी, जलपाईगुड़ी, दार्जलिंग को टी स्टेट का गढ़ माना जाता है। यहां चाय…

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इस बार टमाटर के रेट इतने गिर गए हैं कि, किसानों के लिए लागत निकालने मुश्किल हो गया है। किसान 2-5 रुपये में टमाटर बेचने को मजबूर हैं।

कौड़ियों के भाव टमाटर बेचने को क्यों मजबूर हुए किसान?

इस बार ज्यादातर किसान टमाटर का रेट गिरने की वजह से परेशान हैं। वो 2-5 रुपये किलो टमाटर बेच रहे हैं। खेती सिर्फ मेहनत का नहीं, जोखिम का भी दूसरा नाम है। एक तरफ मौसम की मार, तो दूसरी तरफ मंडी के दाम। आज का किसान हर मोर्चे पर जूझ रहा है। इस वक्त देश…

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Hand Pollination ऐसी तकनीक है, जिसके जरिए किसान फूलों का खुद से परागड़ कराते हैं। इस विधि से उत्पादन बढ़िया होता है।

परवल की खेती में Hand Pollination trick, सहफसली खेती से लाखों में कमाई कर रहा किसान

Hand Pollination ऐसी तकनीक है, जिसके जरिए किसान फूलों का खुद से परागड़ कराते हैं। इस विधि से उत्पादन बढ़िया होता है। लखीमपुर खीरी: गोला तहसील के बंगाली कॉलोनी में रहने वाले किसान गौतम चंद्र बाइन लीज़ पर जमीन लेकर  मौसमी सब्जियों की खेती करते हैं। वो परवल, कुंदरू, बैगन, अरवी, गोभी, मिर्च समेत कई…

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कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चावल की दो नई किस्में लॉन्च की हैं।

भारत में पहली जीनोम संपादित धान की दो नई किस्में लॉन्च, पढ़िए- क्या है इनकी खासियत?

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चावल की दो नई किस्में लॉन्च की हैं। इनके नाम हैं डीएसआर राइस 100 (कमला) और पूसा डीएसटी राइस 1। किसानों के लिए अच्छी खबर है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चावल की दो नई किस्में लॉन्च की हैं। इनके नाम हैं डीएसआर राइस 100 (कमला) और पूसा…

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उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के युवा किसान अभय वर्मा एक बीघे में स्ट्रॉबेरी और करेला की सहफसली खेती करते हैं।

ऐसे करें स्ट्रॉबेरी और करेला की सहफसली खेती, होगा अच्छा मुनाफा

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के युवा किसान अभय वर्मा एक बीघे में स्ट्रॉबेरी और करेला की सहफसली खेती करते हैं। जिससे वो लगभग तीन लाख रुपये की कमाई करते हैं। खेती मुनाफे का सौदा है, बशर्ते उसे सही तकनीक से किया जाए। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के युवा किसान अभय वर्मा एक बीघे…

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गन्ने की फसल

गन्ने की फसल में टॉप बोरर और पायरिला कीट के प्रभावी नियंत्रण के लिए एडवाइज़री जारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश का गन्ना विभाग और किसान दोनों ही गन्ने की फसल में टॉप बोरर और पाइरिला कीट के प्रकोप से परेशान हैं। रोग की गंभीरता को देखते हुए गन्ना आयुक्त कार्यालय ने सभी क्षेत्रों में गन्ना फसल में कीटों एवं रोगों के सर्वेक्षण के लिए गन्ना शोध परिषद एवं भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ के वैज्ञानिकों द्वारा संयुक्त रूप से क्षेत्रीय निरीक्षण कराया, जिसमें गन्ने में कीटों का प्रकोप पाया गया।

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झारखंड

झारखंड के किसानों के लिए खुशखबरी, सोलर पंप पर सरकार दे रही है 90 प्रतिशत की सब्सिडी

अच्छी फसल पैदावार के लिए समय पर सिंचाई करना बहुत ज़रूरी है। यह जितना ज़रूरी है, उतना ही महंगा भी है। किसान बिजली, डीजल या पेट्रोल से पंप चलाकर सिंचाई करते हैं। खेती की लागत कम करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें सिंचाई सुविधाएं मुहैया कराती हैं। इसी क्रम में झारखंड सरकार अपने राज्य के किसानों के लिए सोलर पंप की खरीद पर 90 फीसदी सब्सिडी दे रही है।

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गन्ना

गन्ना किसानों के लिए बड़ी खबर, केंद्र ने गन्‍ने का FRP 15 रुपये बढ़ाया, 2025-26 के लिए 355 रुपये क्विंटल को दी मंजूरी

कैबिनेट बैठक में आज गन्ना किसानों के लिए बड़ा फैसला लिया गया. सरकार ने किसानों के हित में फैसला लेते हुए गन्‍ने का एफआरपी मूल्‍य बढ़ा दिया . नया मूल्‍य 2025-26 गन्ना के लिए 355 रुपये प्रति किविंटल को मंजूरी दी गई. इसमें 15 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. आपको बता दें कि प्रत्येक सीज़न में, केंद्र सरकार कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर गन्ने की एफआरपी तय करती है. एफआरपी बेंचमार्क मूल्य है, जिसके नीचे कोई भी चीनी मिल किसानों से गन्ना नहीं खरीद सकती है. एफआरपी की वास्तविक गणना सभी प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों की उत्पादन लागत के आधार पर की जाती है.

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अंग्रेजी दवाओं की छुट्टी करेगा छांछ से बना ये Bio Pesticides, बनाने का तरीका समझिए…

खेती में रासायनिक खादों और कीटनाशकों के लगातार बढ़ते प्रयोग से उत्पादन बढ़े या न बढ़े, उत्पाद की गुणवत्ता जरूर खराब हो रही है। इसके कई अन्य बुरे परिणाम भी हैं जैसे मिट्टी के स्वास्थ्य पर बुरा असर, पर्यावरण को नुकसान आदि।इसी को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारें भी प्राकृतिक खेती और जैविक खेती को बढ़ावा दे रही हैं। किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार उन्हें आर्थिक सहायता भी दे रही है। इसके साथ ही देश में कई किसान ऐसे भी हैं जो बड़े पैमाने पर प्राकृतिक और जैविक खेती कर रहे हैं और अच्छी कमाई भी कर रहे हैं। उन्हीं किसानों में से एक हैं जोधपुर के मथानिया गांव के प्रगतिशील किसान रतनलाल डागा, जो 60 एकड़ में जैविक खेती करते हैं।

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