World Food Day 2024: क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड फ़ूड डे, जानिए क्या है इसका महत्व?

वर्ल्ड फ़ूड डे हर साल 16 अक्टूबर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर खाद्य सुरक्षा और भुखमरी के मुद्दे के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। साल 2024 की थीम “बेहतर जीवन और बेहतर भविष्य के लिए भोजन का अधिकार” है, जो पर्याप्त भोजन तक पहुंच के मौलिक मानव अधिकार और भूख को मिटाने के लिए दुनिया भर की प्रतिबद्धता पर जोर देता है।

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कृषि-बजट: सरकार ने मारी बाजी या फिर चूक गए चौहान?

एक बार फिर सत्ता के गलियारों में किसानों की भलाई का जिक्र बड़े जोर-शोर से किया जा रहा है। जी हां केंद्र सरकार ने हाल ही में 13,966 करोड़ रुपये की सात योजनाओं का ऐलान किया, जिसका मकसद कथित तौर पर किसानों की आय बढ़ाना और उनके जीवन में सुधार लाना है।

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स्थाई कृषि (Sustainable Agriculture) तक पहुँचने के लिए क्यों आसान नहीं है भारत की राह?

अंतर्राष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्रियों की 32वीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जीरो एमिशन के लक्ष्य को हम पारंपरिक खेती के बजाय सस्टेनेबल फ़ार्मिंग (स्थाई कृषि) के जरिए पाया जा सकता है. लेकिन सस्टेनेबल फ़ार्मिंग (स्थाई कृषि) की ये राह भारत में इतनी आसान है क्या?

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MSP की लड़ाई का इतिहास, गारंटी क़ानून बनाने की ज़रूरत क्यों है?

अब अपना पेट भरने के लिए भारत की खेती पर्याप्त है. बल्कि कई बार पर्याप्त से भी ज्यादा क्योंकि हम इस वक्त पूरी दुनिया को कई फसलें एक्सपोर्ट भी करते हैं. लेकिन सवाल ये है कि जिन किसानों ने भारत के पेट को अनाज से भरा, हम उन्हें आजादी के 77 साल बाद भी उचित कीमत क्यों नहीं दे सके? क्यों हर साल किसानों का जत्था ( छोटा या बड़ा) MSP गारंटी कानून की मांग करते हुए राजधानी दिल्ली से लेकर प्रदेश की राजधानियों के चक्कर लगाता है और निराश लौट जाता है?

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आजादी के 77 साल: कभी पेट पालने की चुनौती थी, भारत आज कृष‍ि उत्‍पाद न‍िर्यात कर रहा, आख‍िर कहानी बदली कैसे?

अपने देश भारत(India) को आजाद हुए 77 साल हो गये। इन वर्षों में देश ने कई क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव देखे। इस कड़ी में सबसे ज्‍यादा रोजगार देने वाला क्षेत्र कृष‍ि भी है जो हमारे हमारी अर्थव्‍यस्‍था की धुरी है।

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‘बंटवारे’ का शिकार हुए कृषि विभाग को शिवराज सिंह चौहान से क्या उम्मीदें हैं?

हिंदुस्तान को आज़ादी मिले हुए तकरीबन 8 दशक होने को हैं. कृषि और खाद्य मंत्रालय के नाम पर नेहरू की कैबिनेट में केवल एक मंत्री हुआ करते थे. डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद. बाद में वह आज़ाद हिंदुस्तान के पहले राष्ट्रपति बने. बाद की सरकारों (लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी) में भी लगभग यही परिदृश्य रहा

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राजस्थान

खरीफ-2024 के लिए फसल बीमा का भुगतान शुरू, एक रुपये में होगा फसल बीमा का भुगतान- कृषि मंत्री धनंजय मुंडे

महाराष्ट्र।प्रधानमंत्री पिक बीमा योजना के तहत महाराष्ट्र में खरीफ सीजन – 2024 के लिए फसल बीमा का भुगतान आज से सरकार की वेबसाइट https://www.pmfby.gov.in के माध्यम से शुरू कर दिया गया है, जिसकी जानकारी इस साल भी किसानों को मिलेगी कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने अपनी अधिसूचित फसलों के बीमा के लिए केवल एक रुपये…

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संयुक्त किसान मोर्चा ने 14 फसलों में MSP की बढ़ोतरी को बताया नाकाफ़ी, कहा बिना MSP क़ानून किसानों का फ़ायदा नहीं

आज चंडीगढ़ के किसान भवन में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) व किसान मजदूर मोर्चा द्वारा साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य तौर पर जगजीत सिंह डल्लेवाल, सरवन सिंह पंधेर, लखविंदर सिंह औलख, अमरजीत मोहड़ी, सुखजीत सिंह हरदोझण्डे, तेजवीर सिंह, गुरिंदर सिंह भंगू, गुरमनित मांगट आदि मौजूद रहे। किसान नेताओं ने सरकार द्वारा…

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जानिए कैसे की जाती है अरहर की सिलेक्शन विधि से तैयार देशी प्रजाति की प्राकृतिक जैविक खेती

यह प्रजाति एक बार लगाने पर कई वर्ष तक फल देती है। यह साल में दो बार फल देती है और दोनों कटिंग मिलाकर 8 से 10 क्विंटल प्रति एकड़ उपज होती है । इस प्रजाति को 13 वर्ष पूर्व सागर में तैयार किया गया था और अब तक लगातार इसमें कई सुधार किये गये…

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कैबिनेट और CCEA की बैठक में मोदी सरकार MSP पर किसानों के लिए कर सकती है बड़ा ऐलान

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज, बुधवार शाम 5 बजे कैबिनेट और कैबिनेट कमिटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA) की बैठक होनी है। Modi 3.O की यह दूसरी  कैबिनेट बैठक होगी। इस बैठक में 14 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) रिवीजन पर चर्चा होने की बात कही जा रही है। साथ ही…

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