नई दिल्ली। मोदी सरकार ने जूट किसानों को बड़ा तोहफा दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने (सीसीईए) ने मार्केटिंग सीजन 2025-26 के लिए कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को मंजूरी दे दी है. 2025-26 सीजन के लिए कच्चे जूट (टीडी-3 ग्रेड) की MSP 315 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5,650 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है. 2024-25 सीजन में कच्चे जूट का MSP 5,335 रुपये क्विंटल था। सरकार ने दावा किया है कि पिछले 10 वर्षों के दौरान कच्चे जूट की MSP में लगभग ढाई गुणा की वृद्धि की जा चुकी है.
सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि जूट MSP बढ़कर 5,650 रुपये क्विंटल होने से किसानों को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत पर 66.8 प्रतिशत का रिटर्न सुनिश्चित होगा. विपणन सीजन 2025-26 के लिए कच्चे जूट का स्वीकृत MSP बजट 2018-19 में सरकार द्वारा घोषित अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर MSP तय करने के सिद्धांत के अनुरूप है. वर्ष 2014-15 में कच्चे जूट का MSP 2,400 रुपये था. जाहिर है उक्त वर्ष से इसके MSP में 3,250 रुपये क्विंटल का इजाफा हो चुका है.
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40 लाख किसान परिवारों को मिलेगा लाभ
सरकार का कहना है कि जूट के MSP में वृद्धि से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर 40 लाख किसान परिवार और जूट उद्योग पर निर्भर लोगों को लाभ होगा. इस फैसले से करीब 4 लाख श्रमिकों को जूट मिल और जूट कारोबार में रोजगार मिलेगा. पिछले साल सरकार ने 1.7 लाख किसानों से जूट की खरीद की थी. इन किसानों में 82 फीसदी किसान पश्चिम बंगाल के थे, जबकि बाकी बचे 9 फीसदी किसान असम और बिहार के.
सरकार 2014-15 से 2024-25 की अवधि के दौरान जूट उत्पादक किसानों को 1,300 करोड़ रुपये जूट एमएसपी के तौर पर भुगतान कर चुकी है, जबकि 2004-05 से 2013-14 की अवधि के दौरान जूट एमएसपी की भुगतान की गई राशि 441 करोड़ रुपये थी.
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पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।