किसानों का आंदोलन ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रहा जिससे मौजूदा मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही हैं। इधर पंजाब- हरियाणा के किसान शंभू बॉर्डर पर लगभग पिछले एक साल से MSP की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। और आज फिर किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कल, 6 दिसंबर को दिल्ली कूच की चेतावनी भी दे दी है। वहीं दूसरी ओर यूपी के गौतम बुद्ध नगर के किसान भूमि अधिग्रहण से जुड़े मुद्दों को लेकर यूपी-दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। प्रदर्शन इतना उग्र हो गया था कि मुख्यमंत्री के आदेश पर यूपी पुलिस ने किसानों के प्रदर्शन को रोकने के लिए उनकी गिरफ़्तारियां करनी शुरू कर दी। हालांकि अब खबर है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी और किसानों के बीच समझौता हो गया है, और हर गुरुवार को इसपर चर्चा की बात कही गई है, जिसके बाद किसानों ने आंदोलन रोक दिया है।
6 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे किसान
MSP की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी समेत अन्य मांगों को लेकर शंभू बॉर्डर पर आंदोलनरत किसान अब दिल्ली कूच की तैयारी में हैं। किसानों ने ऐलान किया है कि वह 6 दिसंबर (शुक्रवार) को शंभू बॉर्डर से दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरू करेंगे। किसान नेताओं ने मीडिया से बात कर कहा कि केंद्र सरकार आज(5 दिसंबर) रात 11 बजे तक हमें जवाब दें नहीं तो हम कल सुबह दोपहर एक बजे दिल्ली कूच करेंगे। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, ”शुक्रवार को 101 किसानों का जत्था पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर कूच करेगा।”
पंढेर ने कहा, ”सरकार क्या करेगी, यह उन्हें सोचना है। हम शंभू बॉर्डर से दोपहर 1 बजे दिल्ली की ओर अपना मार्च शुरू करेंगे। अब भी अगर सरकार उन्हें मार्च निकालने से रोकती है, तो यह उनके लिए नैतिक जीत होगी।”
उन्होंने कहा, ”जिस तरह से बैरिकेडिंग की जा रही है, उससे लगता है कि यह अंतरराष्ट्रीय सीमा बन गई है। हरियाणा के कई किसान नेताओं के घरों पर नोटिस चिपकाए जा रहे हैं। हम केंद्र सरकार को यह कहने का मौका नहीं देंगे कि किसान अहंकारी हैं और बातचीत नहीं करना चाहते। जब भी हमें बातचीत का निमंत्रण मिलेगा, हम इस पर फैसला करेंगे।”
किसानों की क्या है मांग?
MSP के अलावा किसान लोन माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं, पुलिस मामलों को वापस लेने और 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को बहाल करना और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देना भी उनकी दो मांगें हैं।
क्या हैं गौतमबुद्ध नगर के किसानों के मुद्दे?
गौतमबुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश में किसानों का मुद्दा काफी गरमाया हुआ है। यहाँ का किसान आंदोलन एक नए मोड़ पर पहुंच गया है।
जिसे लेकर देर रात मुख्यमंत्री योगी ने ट्वीट कर कहा कि गौतमबुद्धनगर हो, अलीगढ़ हो या संभल अथवा कोई अन्य जनपद, अराजकता फैलाने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती।जिसके बाद देर रात जीरो पॉइंट से 120 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें 60 महिलाएं भी शामिल हैं।
यहाँ के किसान स्थानीय भूमि अधिग्रहण से जुड़े मुद्दों और मुआवजा की विसंगतियां और अपने अधिकारों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए दिल्ली कूच पर अड़े हुए हैं और पुलिस की ये कार्रवाई सीएम योगी के उस आदेश के बाद सामने आई जिसमें उन्होंने साफ़ कर दिया कि अराजकता कहीं भी बर्दाश्त नहीं होगी।
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