चाय के बागानों का कड़वा घूंट कौन पीता है?
230 रुपये दिन की दिहाडी है चाय के बागानों में काम करने वाले मजदूरों की।सरकार और बागान मालिक मिलकर इन श्रमिकों के लिए योजनाओं के तहत काम
भी करते हैं फिर भी मजदूर वर्ग है ना-खुश। न्यूज पोटली को इसके पीछे के तीन कारण मिलें पहली नेपाल, दूसरी जलवायु परिवर्तन और तीसरी पैदावार और क्वालिटी के मुताबिक रुपये नहीं मिल पाना।