उत्तर प्रदेश सरकार ने रबी सीजन में गेहूं की समय पर बुवाई के लिए बीज वितरण पर विशेष जोर दिया है। अब तक लगभग 7.5 लाख क्विंटल बीज किसानों को दिया जा चुका है और किसानों से 30 नवंबर से पहले बीज लेने की अपील की गई है ताकि उन्हें सब्सिडी का पूरा लाभ मिल सके। बैठक में खेती को वैज्ञानिक बनाने, भू-इंजीनियरिंग आधारित मॉडल अपनाने, किसानों को कार्बन क्रेडिट का लाभ दिलाने और छोटे किसानों के लिए सस्ते कृषि यंत्र उपलब्ध करवाने पर चर्चा हुई।
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस रबी सीजन में गेहूं की खेती को आसान और समय पर करवाने के लिए बीज वितरण पर खास ध्यान दिया है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि राज्य में गेहूं के लिए कुल 9,74,730 क्विंटल बीज उपलब्ध हैं, जिनमें से 7,58,603 क्विंटल बीज किसानों को दे दिए गए हैं। उन्होंने किसानों से अपील की है कि 30 नवंबर से पहले निर्धारित केंद्रों से बीज ले लें, ताकि उन्हें सब्सिडी का पूरा फायदा मिल सके। मंत्री ने कहा कि समय पर और लाइन में बुवाई करने से पैदावार बढ़ती है और खर्च भी कम आता है। यह जानकारी कृषि भवन, लखनऊ में हुई समीक्षा बैठक में दी गई।
किसानों को मिलेंगे गुणवत्तापूर्ण बीज
बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि बीज वितरण में देरी न हो और किसानों को अच्छे गुणवत्ता वाले बीज मिलें। मंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि खेती वैज्ञानिक तरीके से आगे बढ़े और किसानों को योजनाओं का लाभ सीधे और पारदर्शी तरीके से मिल सके।
नई कृषि तकनीक पर भी चर्चा
बैठक में IIT रुड़की के विशेषज्ञों के साथ मिट्टी और पानी के बेहतर इस्तेमाल के लिए भू-इंजीनियरिंग आधारित कृषि मॉडल पर भी चर्चा हुई। मंत्री शाही ने कहा कि इस तकनीक से खेती और उत्पादन दोनों बेहतर हो सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों को यह भी कहा कि इस तकनीक पर पहले हुए प्रयोगों का पूरा विवरण 15 दिनों में प्रस्तुत किया जाए, ताकि इसे किसानों के लिए और असरदार बनाया जा सके।
किसानों को मिलेगा कार्बन क्रेडिट का फायदा
बैठक में ALM कार्बन परियोजना पर भी बात हुई, जिसका उद्देश्य किसानों को कार्बन क्रेडिट के जरिए अतिरिक्त आय दिलाना है। शुरुआत में इसे एक मंडल में ट्रायल के रूप में शुरू किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि इससे किसानों की कमाई के नए रास्ते खुलेंगे।
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छोटे किसानों के लिए सस्ते कृषि यंत्र
सरकार ने कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देने के लिए कृषि यंत्र बनाने वाली कंपनियों के साथ भी बैठक की। कृषि मंत्री ने कहा कि यूपी में अधिकतर किसान छोटे और सीमांत हैं, इसलिए सरकार ऐसे यंत्रों पर ध्यान दे रही है जो छोटे, सस्ते और किसानों की जरूरत के अनुसार हों।
नई हेल्पलाइन और शिकायत सेल शुरू
सरकार ने घोषणा की है कि किसानों की सुविधा के लिए एक नई कृषि यंत्रीकरण हेल्पलाइन और शिकायत निस्तारण सेल शुरू की जाएगी। इसके अलावा पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन और पारदर्शी बनाया जाएगा ताकि भ्रष्टाचार रोका जा सके। मंत्री ने बताया कि यूपी अब लेजर कट सिस्टम में शामिल हो चुका है, जिससे यंत्रीकरण योजनाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी।
स्थानीय और बाहरी कंपनियों को बढ़ावा
सरकार ने यह भी कहा कि यूपी को कृषि यंत्र निर्माण का बड़ा केंद्र बनाने के लिए स्थानीय कंपनियों को प्रोत्साहन दिया जाएगा और बाहरी राज्यों की कंपनियों को भी यहां फैक्ट्रियां लगाने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।यह योजना और फैसले किसानों की सुविधा, खेती में तकनीक के उपयोग और कम लागत में अधिक उत्पादन सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार का बड़ा कदम माने जा रहे हैं।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।