ट्रैक्टर पर 35 फीसदी सब्सिडी, पावर टिलर पर 50 फीसदी सब्सिडी, ड्रिप-स्प्रिंकलर पर 90 % तक सब्सिडी, मशरूम उत्पादन 40% तक सब्सिडी, वर्मी कंपोस्ट उत्पादन 50 हजार तक। आवेदन के लिए आपका मोबाइल नंबर, खेत की खसरा/खतौनी, आधार कार्ड, बैंक पासबुक की कॉपी ये जरूरी कामजात होने चाहिए। आवेदन के बाद उसकी कॉपी आपको helplinehorti@gmail.com पर आपको भेजनी होगी।
उत्तर प्रदेश सरकार के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग में बागवानी की खेती की बढ़ावा देने के लिए कई तरह की छूट का ऐलान किया है। सरकार ने किस खेती या रोजगार के लिए किसानों को सब्सिडी दे रही है। सरकार फल, फूल, बागवानी, मशीनीकरण पर अलग अलग मद में की सब्सिडी दे रही है।
अगर आप ट्रैक्टर खरीदने की सोच रहे हैं तो आप को 35 फीसदी तक सब्सिडी मिल सकती है। पावर टिलर लेने वाले हैं तो 50 फीसदी का अनुदान मिल सकता है। ड्रिप, स्प्रिकंलर लगवाने पर 90 फीसदी तक अनुदान मिल रहा है तो पॉली हाउस और ग्रीन हाउस पर 50 फीसदी तक छूट मिल सकती है। अगर आप मशरूम का काम शुरु करना चाहते हैं, तो 20 लाख रुपए की यूनिट पर 40 फीसदी तक छूट और लोन मिल सकता है। वर्मी कंपोस्ट उत्पादन तक 50 हजार रुपए तक सब्सिडी मिल सकती है।
ट्रैक्टर और बागवानी से जुड़ी मशीनों के लिए सब्सिडी
फल और सब्जियों की खेती को बागवानी कहा जाता है। इसमें इस्तेमाल होने वाली मशीनों पर सरकार 50 पर्सेंट तक सब्सिडी दे रही है। अगर आप 20 एचपी से कम का ट्रैक्टर खरीदते हैं तो उस पर आपको 35% या एक लाख रुपये तक की सब्सिडी मिल सकती है। जबकि 8 एचपी से ज्यादा के पावर ट्रिलर पर 50 फीसदी या अधिकतम 75 हजार रुपये तक की और 8 एचपी से कम के पावर ट्रिलर पर 50 हजार रुपये तक की सब्सिडी मिल सकती है। वहीं 35 एचपी से ज्यादा के पावर स्प्रेयर, जिसमें एक यूनिट की लागत करीब एक लाख 26 हजार रुपये तक आती है उस पर आपको 40% या अधिकतम 50 हजार रुपये तक की सब्सिडी मिल सकती है।
सिंचाई साधनों के लिए सब्सिडी
माइक्रो इरीगेशन यानि ड्रिप और स्प्रिंकलर विधि से सिंचाई, बूंद-बूंद सिंचाई, जिसे टपक सिंचाई या फैव्वारा विधि भी बोलते हैं ये बदलती मौसम में सबसे जरुरी है। माइक्रो इरीगेशन से एक तरफ जहां खेती की लागत कम होती है वहीं उत्पादन ज्यादा और क्लालिटी बेहतर होती है। क्योंकि सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली में शुरुआत में लागत लगती है, इसलिए सरकार इस पर 90 फीसदी तक सब्सिडी दे रही है। वैसे ड्रिप की लागत 1-3 फसल सीजन में ही अदा हो जाती है। इसके तहत मिनी या माइक्रो ड्रिप स्प्रिंकलर के लिए सरकार 22,619 रुपये से लेकर 1,31,963 रुपये तक की सब्सिडी देती है। जबकि पोर्टेबल स्प्रिंकलर और रेनगन स्प्रिंकलर की खरीद पर सरकार 16,137 रुपये से लेकर 32,885 रुपये तक की सब्सिडी किसानों को दे रही है।
और अब बात संरक्षित खेती यानि प्रोटक्डेट एग्रीकल्चर की। आसान भाषा में इसे हम ग्रीन हाउस, शेड नेट, पॉली हाउस, नेट हाउस फार्मिंग भी कहते है। यूपी सरकार इस तरह की खेती के लिए 2.5 लाख से लेकर यूनिट की लागत के अनुसार 16 लाख रुपए तक का अनुदान दे रही है। फल-फूल और सब्जियों की खेती के लिए का चलन तेजी से बढ़ रहा है। सरकार की ऐसी योजनाओं के लिए काफी बजट खर्च कर रही है। ऐसी खेती करने वाले किसानों को कई योजनाओं का लाभ एक साथ भी मिल जाता है। पॉली हाउस की नेचुरल वेंटीलेटेड की एक यूनिट की लागत 844 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से सरकार उस पर आपको 50 पर्सेंट सब्सिडी दे रही है जो करीब 16 लाख 88 हजार रुपए होते हैं। जबकि इतने ही वर्ग मीटर में सब्जी और फूलों की खेती पर सरकार 2 लाख 80 हजार रुपये से लेकर 14 लाख रुपये तक की सब्सिडी किसान भाईयों को दे रही है।
जैविक खेती पर सरकार का खासा ज़ोर है और वो किसानों को इस पर सब्सिडी भी दे रही है ताकि इसको और बढ़ावा मिले। अगर आपकी एक इकाई की लागत 1 लाख रुपये तक है तो सरकार आपको 50% या अधिकतम 50000 तक की सब्सिडी देगी। इसी तरह जैविक खेती के अंगीकरण पर 2000 रुपये प्रति हेक्टयर पर सरकार आपको तीन सालों में करीब 10000 रुपये तक की सब्सिडी दे रही है।
हेल्थ सेक्टर में आयुष्मान भारत सरकार की स्कीम है जिसमें कई प्रदेशों की सरकारें भी जुड़ी हैं। इसके अंतर्गत पात्र लोगों का फ्री इलाज करवाया जाता है। इसके साथ ही सरकार आयुर्वेद पर भी जोर दे रही है। इसके लिए सरकार किसानों को औषधीय पौधें के रोपण के लिए प्रोत्साहित कर रह है। और सरकार इसके लिए किसानों को सब्सिडी भी दे रही है। सर्पगंधा के पौधे की खेती के लिए सरकार किसानों को 50 फीसदी तक सब्सिडी दे रही है। जबकि दूसरे और तरह के औषधीय पौधों की खेती पर सरकार 8,725 रुपये से लेकर 45,210 रुपये प्रति हेक्टेयर तक की सब्सिडी दे रही है।
सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए किसान यूपी सरकार की हॉर्टीकल्चर वेबसाइट http://dbt.uphorticulture.in/ पर जाकर र रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।आवेदन के लिए आपका मोबाइल नंबर, खेत की खसरा/खतौनी, आधार कार्ड, बैंक पासबुक की कॉपी ये जरूरी कामजात होने चाहिए। आवेदन के बाद उसकी कॉपी आपको helplinehorti@gmail.com पर आपको भेजनी होगी। सभी योजनाओं के अंतर्गत सब्सिडी वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए हैं।