मध्य प्रदेश सरकार ने सोयाबीन पर भावांतर योजना लागू करने का ऐलान किया है। किसानों को मंडी भाव और MSP के बीच का अंतर सरकार देगी। MSP ₹5,328 है जबकि मंडियों में औसत भाव ₹4,100 के आसपास है। किसान नेता केदार सिरोही ने योजना पर आपत्ति जताई और 2017 के अनुभव याद दिलाए, जब किसानों को पूरा लाभ नहीं मिला और दाम गिर गए थे। उन्होंने मांग की है कि सरकार किसानों की राय लेकर सीधे MSP पर खरीद सुनिश्चित करे।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि इस साल सोयाबीन फसल के लिए भावांतर योजना लागू की जाएगी। इसके तहत किसान अपनी फसल मंडी में बेचते रहेंगे और अगर उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम दाम मिलता है, तो सरकार उस अंतर की भरपाई करेगी। सरकार का दावा है कि इस कदम से किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा।
MSP और मंडी भाव का अंतर
सोयाबीन का MSP 2025-26 सीजन के लिए ₹5,328 प्रति क्विंटल तय है। लेकिन किसानों ने 1 से 25 सितंबर के बीच औसतन ₹4,121 प्रति क्विंटल पर बिक्री की है, जबकि देशभर का औसत ₹4,141 प्रति क्विंटल रहा। बिज़नेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को मंडियों में दाम और नीचे आकर ₹3,837 प्रति क्विंटल तक पहुंच गए। इस दिन राज्यभर की मंडियों में 9,080 टन सोयाबीन की आवक हुई।
किसानों की शंका
पूर्व कृषि सलाहकार समिति के सदस्य केदार सिरोही ने कहा कि 2017 में भी यही योजना लागू की गई थी, लेकिन किसानों को नुकसान हुआ था। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अंतर की गणना MSP और मंडी भाव के आधार पर नहीं, बल्कि मासिक औसत भाव पर करती है। इससे किसान को पूरा लाभ नहीं मिलता और प्रोसेसिंग यूनिट्स व व्यापारी ज्यादा फायदा उठा लेते हैं।
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पुराना अनुभव
रिपोर्ट के मुताबिक सिरोही ने बताया कि 2017 में योजना की अवधि सिर्फ 60 दिन रखी गई थी। इस कारण अचानक मंडियों में भारी आवक हुई और दाम ₹800-1,200 प्रति क्विंटल तक गिर गए, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम स्थिर थे। किसानों को जो अंतर की राशि दी गई, वह भी कम थी और भुगतान 1 से डेढ़ महीने की देरी से मिला।
किसानों की मांग
सिरोही ने सुझाव दिया कि योजना लागू करने से पहले किसानों से ऑनलाइन फीडबैक लिया जाए। अगर किसान भावांतर योजना नहीं चाहते तो सरकार को सीधे MSP पर खरीद करनी चाहिए, ताकि उन्हें पूरा और समय पर लाभ मिल सके।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।