पशुधन, अनुसंधान और खेती में सहयोग बढ़ाएंगे भारत-भूटान

भारत-भूटान

भारत और भूटान ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए थिम्फू में समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत दोनों देश कृषि अनुसंधान, तकनीक, पशुधन स्वास्थ्य, खाद्य प्रसंस्करण और किसानों के कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करेंगे। इस समझौते को लागू करने के लिए संयुक्त तकनीकी कार्य समूह (JTWG) का गठन किया गया है, जिसकी पहली बैठक थिम्फू में हुई और अगली बैठक भारत में होगी।

भारत और भूटान ने कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों में तकनीकी सहयोग के लिए एक बड़ा समझौता किया है। थिम्फू (भूटान) में भारत के कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी और भूटान के कृषि एवं पशुधन सचिव थिनले नामग्याल ने इस समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए।

खाद्य सुरक्षा और टिकाऊ खेती को मिलेगा बढ़ावा
यह समझौता दोनों देशों के बीच रिश्तों को और मजबूत करेगा और खाद्य सुरक्षा, टिकाऊ खेती और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देगा। इसके तहत कृषि अनुसंधान, नई तकनीक, पशुधन स्वास्थ्य, फसल कटाई के बाद प्रबंधन, मूल्य श्रृंखला विकास और किसानों के कौशल व ज्ञान को बढ़ाने जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम किया जाएगा।

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पहली बैठक भी हुई
समझौते के बाद भारत और भूटान की संयुक्त तकनीकी कार्य समूह (JTWG) की पहली बैठक भी हुई। इसमें तय हुआ कि किन-किन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी और आगे की कार्रवाई कैसे होगी।

इस पहल का मकसद क्या है?
भारत ने अपनी नई पहलें भी साझा कीं, जैसे—डिजिटल समाधान, जलवायु अनुकूल खेती, किसानों को आसान ऋण और जोखिम कम करने के तरीके।बैठक में यह भी तय हुआ कि अगली JTWG बैठक भारत में होगी। इस पूरी पहल का मकसद भारत-भूटान की दोस्ती को और मजबूत करना और किसानों के लिए बेहतर अवसर तैयार करना है।

ये देखें –

Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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