22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है. भारत सरकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सिंधु जल समझौते पर रोक लगा दी है. बुधवार, 23 अप्रैल की शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में ये फ़ैसला लिया गया है. बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी मौजूद थे. जानिए क्या है ये सिंधु जल समझौता? और इसका असर पाकिस्तान पर क्या होगा?
बैठक के बाद विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते पर रोक लगाने का फैसला किया है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि इस आतंकवादी हमले की गंभीरता को समझते हुए CCS ने फैसला किया कि 1960 की सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को पूरी तरह और भरोसेमंद तरीके से बंद नहीं करता
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क्या है सिंधु जल समझौता ?
यह समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच 19 सितंबर 1960 को वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता में किया गया था. इसके तहत भारत से पाकिस्तान की ओर बहने वाली 6 नदियों- सिंधु, झेलम, चेनाब, रावी, ब्यास और सतलुज, को दो हिस्सों में बांटा गया था. इस समझौते पर भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति फील्ड मार्शल अय्यूब खान ने सिग्नेचर किए थे. इस समझौते के तहत पाकिस्तान को कुल पानी का करीब 80 फीसदी हिस्सा मिलता है.
समझौते के तहत पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास, सतलुज) पर भारत का पूरा अधिकार है लेकिन भारत केवल पश्चिमी नदियों(सिंधु, झेलम, चेनाब) का पानी बिजली बनाने जैसे गैर-खपत वाले कामों (Non-Consumptive Use) के लिए ही इस्तेमाल कर सकता है, जिसमें पानी वापिस नदी में चला जाता है. इनका ज्यादातर पानी पाकिस्तान को मिलता है.
पाकिस्तान पर इसका असर क्या होगा?
भारत सरकार के इस कड़े फैसले का असर पाकिस्तान की वाटर सप्लाई पर पड़ सकता है. पाकिस्तान को इस समझौते के तहत कुल पानी का करीब 80 फीसदी हिस्सा मिलता है. पश्चिमी नदियों का पानी रुकने के बाद पाकिस्तान के खेती-बाड़ी से लेकर दूसरी रोजमर्रा के काम काज पर बुरा असर पड़ेगा.
भारत ने लिये कई कड़े फैसले
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले लिये हैं जैसे एकीकृत चेकपोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद करने का फैसला लिया है. इसके अलावा पाकिस्तानी नागरिकों को SAARC वीजा छूट योजना के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी SVES वीजा को रद्द माना जाएगा. SVES वीजा के तहत वर्तमान में भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं. सरकार ने नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है. इसके साथ ही भारत ने भी इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस लिया है.
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।