लखनऊ।भारत एक कृषि प्रधान देश है। देश की सबसे बड़ी आबादी वाले उत्तर प्रदेश में सत्तर प्रतिशत लोग गांवों में रहते हैं। देश के कुल आलू उत्पादन का 25% उत्पादन अकेले उत्तर प्रदेश कर रहा है। इतना ही नहीं यूपी अकेले कुल मक्का उत्पादन का 30% उत्पादन करता है, इसके साथ ही गन्ना उत्पादन में, चीनी उत्पादन में और एथेनॉल उत्पादन में यूपी नंबर-1 पर है। ‘खाद्यान्न की टोकरी’ के रूप में जो पहचान उत्तर प्रदेश की थी, वह गौरव अन्नदाता किसानों की मेहनत व डबल इंजन की सरकार के प्रयास से राज्य को पुनः प्राप्त हो रहा है। लखनऊ में आयोजित ‘कृषिका- खेती से समृद्धि की ओर’ कॉन्क्लेव में बोले सीएम योगी आदित्यनाथ।
लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 9 दिसंबर को ‘अमर उजाला’ की तरफ से ‘कृषिका 2024’ (Krishika 2024) का आयोजन हुआ। इसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित थे। इस आयोजन में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 11 प्रगतिशील किसानों को सम्मानित भी किया। सीएम ने प्रदेश में हो रहे विकास मुख्यतः गांव और किसानों के बारे में बात की और सरकार की उपलब्धियाँ गिनाई।
कहा कि देश की 17 फीसदी आबादी यूपी में निवास करती है।
यूपी में 11 फीसदी कृषि योग्य
उन्होंने कहा कि यूपी के पास देश की कृषि योग्य भूमि केवल 11 फीसदी है, लेकिन इस पर देश का 20 फीसदी से अधिक खाद्यान्न उत्पादन होता है। और बताया कि यूपी में 235 लाख हेक्टेयर में से 161 लाख हेक्टेयर भूमि पर खेती-किसानी होती है। इसमें से 86 फीसदी भूमि सिंचित व अत्यंत उर्वरा है, इसलिए 11 फीसदी भूमि होने के बावजूद उप्र का किसान लगभग दोगुना खाद्यान्न उत्पादन करता है।देश और दुनिया की जितनी फर्टिलाइज लैंड, जल संसाधन यूपी के पास है, वह अन्य कहीं भी नहीं है। अगर अन्नदाता किसानों के प्रोत्साहन के लिए थोड़ा सा कार्य कर लें, उन्हें तकनीक से जोड़ लें। समय पर अच्छे बीज उपलब्ध हो जाएं तो 20 फीसदी से तीन गुना अधिक खाद्यान्न उत्पादन का सामर्थ्य यूपी का किसान रखता है और अकेले यूपी देश-दुनिया का पेट भर सकता है।

गन्ना उत्पादन में टॉप यूपी
सीएम योगी ने गन्ना किसानों की बात की और कहा कि यूपी में गन्ना, मक्का और आलू के उत्पादन की दिशा में लगातार तेजी आई है। गन्ने के उत्पादन में तो हम नंबर एक पर हैं। पहले गन्ने के सीजन में किसान आंदोलन करता था। अब यूपी में 120 चीनी मिलें चल रही हैं। इसमें से 100 मिलें एक सप्ताह के अंदर भुगतान कर रही हैं। आज यूपी गन्ना, चीनी व एथेनॉल उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। इसके अलावा धान और गेहूं के उत्पादन में भी लगातार इजाफा हो रहा है।
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यूपी में 3500 से अधिक एफपीओ
सीएम योगी ने कहा यूपी में 3500 से अधिक एफपीओ कार्य कर रहे हैं। वेयरहाउस बनाए गए और उनकी संख्या बढ़ाई गई। देश का 25 फीसदी आलू उत्पादन और 30 फीसदी मक्का उत्पादन यूपी का किसान कर रहा है। धान, गेहूं, दलहन-तिलहन में भी किसानों ने कीर्तिमान स्थापित किया है। प्रदेश के अंदर सिंचाई के दायरे को बढ़ाया गया।अन्नदाता किसानों की मेहनत व डबल इंजन सरकार के प्रयास से यूपी फिर से खाद्यान्न की टोकरी के रूप में गौरव प्राप्त कर रहा है।
2014 के बाद बदली किसानों की ज़िंदगी
सीएम योगी ने विरोधी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि बड़ी अफसोस की बात है कि देश की कई राजनीतिक पार्टियां किसानों का सिर्फ इस्तेमाल करती हैं। उन्हें किसानों की सच में कोई चिंता नहीं है। 2014 में मोदी सरकार आने के बाद उसने किसानों की जिंदगी को बदलने का प्रयास किया।
उन्होंने कहा यूपी के किसानों ने देश के अंदर 86 टन (860 क्विंटल) गन्ना उत्पादन प्रति एकड़ करके दिखाया। किसान खुद भी पिपरामेंट की खेती करते हैं और किसानों से एकत्र कर 200 करोड़ का एक्सपोर्ट कर रहे हैं। आम के बारे में बात करते हुए कहा कि एक किलो आम का दाम रूस, यूएस, यूरोप में एक हजार रुपये है।

गोवंश पालन में सबसे आगे यूपी
सीएम योगी ने कहा कि पूरे देश में सर्वाधिक गोवंश पालने वाला राज्य यूपी है। यहां सरकारी गोशालाओं में 12 लाख से अधिक निराश्रित गोवंश हैं। उनके लिए तीन प्रकार की योजनाएं भी चला रही हैं। इसका उद्देश्य एक तरफ गोरक्षा तो दूसरी तरफ जहरमुक्त खेती के लिए किए जाने वाला प्रयास है।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है हमारी सरकार
उन्होंने कहा हमारी डबल इंजन की सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है। केंद्र व राज्य सरकार मिलकर यूपी में 1.15 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि में प्राकृतिक खेती कर रही है। गंगा जी के तटवर्ती 27 जनपदों व बुंदेलखंड के सातों जनपदों में इसे प्रोत्साहित कर रहे हैं। प्राकृतिक खेती के फ़ायदे गिनाते हुए कहा कि इस पद्धति से खेती में प्रति एकड़ 12 से 15 हजार की बचत होती है। यदि 161 लाख हेक्टेयर को प्राकृतिक खेती में बदल देंगे तो लाखों करोड़ रुपये बचेंगे।
भारत पहले से ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था का देश माना जाता था। उत्तर प्रदेश में आज भी लगभग 30 फीसदी शहरीकरणों को छोड़ दें तो 70 फीसदी भूभाग ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर आधारित है और यह आय-रोजगार का महत्वपूर्ण साधन भी है।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।