किसान ऑनलाइन बेच सकेंगे अपनी फसलें, ई-समृद्धि के तहत ऐसे करें रजिस्ट्रेशन

देश भर में किसान फसल उत्पादन से ज्यादा उसकी बिक्री को लेकर चिंतित रहते हैं. ऐसे ही वक्त में देश के कृषि मंत्रालय ने NAFED की मदद से एक ऐसा पोर्टल लॉन्च किया है जिसके सहारे किसान अपना प्रोडक्ट ऑनलाइन बेच सकेंगे. कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि इस पोर्टल का उद्देश्य किसानों को खेती के लिए और प्रेरित करना है और वो तभी होगा जब किसान अपनी फसलों का उचित दाम पा सकेंगे. इस पोर्टल का नाम है ई समृद्धि.

क्या है NAFED?

किसानों की मुश्किलें आसान हों इसके लिए NAFED यानी National Agricultural Cooperative Marketing Federation of India नाम की एक संस्था की स्थापना हुई थी. तारीख थी गांधी जयंती 2 अक्टूबर की और साल 1958 का. NAFED का उद्देश्य कृषि, बागवानी या जंगलों के प्रोडक्ट्स की खरीद, उनकी मार्केटिंग और स्टोरेज को बेहतर बनाना था. इसके साथ ही कृषि मशीनरी, उपकरण या बीजों का डेवलपमेंट भी NAFED की ही जिम्मेदारियों का ही हिस्सा है. किसानों को तकलीफ ना हो और वो अपनी फसल सुचारु रूप से बेच सकें, अच्छे क्वालिटी वाले बीज समेत कृषि क्षेत्र की अन्य तकनीकों का इस्तेमाल कर सकें – NAFED इसी लिए काम करता है.

किसान कैसे कर सकेंगे ई समृद्धि का इस्तेमाल?
ई समृद्धि के तहत अगर आपको इस प्रक्रिया से जुड़ना है तो सबसे पहला काम किसान के तौर पर आपका रजिस्ट्रेशन है. आप पोर्टल पर जा कर अपना केवाईसी/बैंक और जमीन की डिटेल्स दे कर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. वहीं पर आपको वह फसलें दिखेंगी जिनमें से आपको अपनी फसल चुननी है और उस योजना के बारे में भी बताना है जिसके तहत आप ये रजिस्ट्रेशन करेंगे.
रजिस्ट्रेशन के बाद आपको अपने पास मौजूद चीजों की (जिसे आपको बेचना है), आप लिस्ट बना कर पोर्टल पर अपलोड कर लें. आपको फसलों के हर लॉट को एक खास नंबर देना है और स्टॉक को अपडेट करते रहना है ताकि लोग खरीदी गई लॉट की सूची देख सकें. सकते हैं. सिमेन रिव्यू का भी ऑप्शन है ताकि आपके खरीददार आपको रिव्यू दे सकें. इससे आपको अपनी फसल का उचित दाम भी मिलेगा और साथ में खरीददारों को अच्छी क्वालिटीयुक्त चीजें.

कैसे मिलती है क़ीमत?
ई-समृद्धि प्लेटफ़ॉर्म को इस तरह से बनाया गया है कि किसानों को उनकी फसल का पैसा सीधे मिल सके. इसके साथ ही, जो अतिरिक्त भुगतान या बोनस खरीददार देते हैं, वह भी सीधे किसानों तक पहुंचता है. कृषि मंत्रालय के अनुसार, इस प्लेटफ़ॉर्म पर चार्ज नहीं लिया जाता; इसके बजाय, किसानों को बोनस मिलेगा. बैंकों से जुड़े होने के कारण, सभी पेमेंट डेटा और रिकॉर्ड सुरक्षित रहते हैं.

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