देश के अलग-अलग हिस्सों में किसानों के प्रदर्शन की खबर अक्सर आती रहती है. अलग-अलग जगहों पर किसानों की अलग-अलग मांगें होती हैं. आज देश भर में किसानों के प्रदर्शन की खबर आई है. किसानों ने आज संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के आह्वान पर अपनी 12 मांगों को लेकर देश भर में जिला और ब्लॉक स्तर पर ट्रैक्टर मार्च किया और नए कानून (भारतीय न्याय संहिता) की कॉपियां जलाई. किसानों ने ट्रैक्टर मार्च के माध्यम से 13 फरवरी से चले आ रहे आंदोलन के मुद्दों को विशेषकर MSP गारंटी कानून की मांग को फिर से दुहराया.
क्यों नाराज़ हैं किसान?
संगठन से जुड़े किसान नेताओं ने कहा कि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की लड़ाई लड़ रहे हैं और सरकार इसे भी पूरा नहीं कर पा रही. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद 77 सालों में तमाम पार्टियों की सरकार बनी लेकिन किसी ने भी किसानों-मजदूरों के मुद्दों को हल करने का प्रयास ईमानदारी से नहीं किया. उनका कहना है कि यही वो देश है जहां मात्र 8 साल में कार्पोरेट घरानों का साढ़े चौदह लाख करोड़ कर्ज माफ कर दिया गया लेकिन जब किसानों को राहत देने की बात आती है या उनको कर्ज मुक्त करने की बात आती है तब सरकार चुप्पी साध लेती है. किसान नेताओं ने कहा कि सरकार उन्हीं अधिकारियों को मेडल देना चाहती थी जिन्होंने किसान आंदोलन के वक्त किसानों पर ज़ुल्म किए. लेकिन बाद में किसान संगठनों के दबाव में सरकार ने उनके नाम सूची से हटाए.
संगठन ने बताया अपना अगला प्लान
किसान नेताओं ने आगामी कार्यक्रमों का लेखा-जोखा भी दिया. उन्होंने बताया कि 31 अगस्त को किसान आंदोलन के 200 दिन पूरे होने पर शम्भू एवम खनौरी बोर्डरों पर बड़ी महापंचायतें की जाएंगी. इसके बाद 1 सितम्बर को उत्तरप्रदेश के संभल में महापंचायत आयोजित की जाएगी. फिर 15 सितम्बर को हरियाणा के जींद जिले की उचाना अनाज मंडी और 22 सितम्बर को कुरुक्षेत्र जिले के पिपली की अनाज मंडी में राष्ट्रीय स्तर की किसान महापंचायत आयोजित होगी जहां देश भर से लाखों किसान पहुंचेंगे.