दिनभर की खेती किसानी से जुड़ी खबरों की न्यूज पोटली में आपका स्वागत है। चलिए देखते हैं आज की पोटली में किसानों के लिए क्या क्या नया है।
1.प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 19 जुलाई को एक बड़ा आयोजन होने वाला है। आयोजन में 12 राज्यों से प्राकृतिक खेती से जुड़े किसान, वैज्ञानिक, एफ़पीओ, विभागी अधिकारी और संबंधित मंत्री समेत 500 प्रतिनिधि शामिल होंगे।
सरकार जान जीवन के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर रसायनिक खेती के दुष्प्रभाव को देखते हुए किसानों को प्राकृतिक खेती की तरफ़ ले जाने की कोशिश कर रही है।इसी क्रम में 19 जुलाई को राजधानी लखनऊ के सेंट्रम होटल में प्राकृतिक खेती पर चर्चा के लिये देश के 12 राज्यों से 500 प्रतिनिधि भाग लेंगे।आयोजन के मुख्य अतिथि गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत होंगे।
ये सभी जानकारी प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मंगलवार, 10 जुलाई को लोकभवन में पत्रकारों से बात कर बताया ।
2.पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने आज, बुधवार को हरियाणा सरकार को एक सप्ताह के भीतर शंभू बॉर्डर खोलने का निर्देश दिया।और दोनों राज्य सरकारों से कानून-व्यवस्था बनाए रखने को भी कहा है।
किसानों के विरोध के कारण पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर पर पांच महीने से अधिक समय से बैरिकेडिंग की गई है और सार्वजनिक परिवहन के लिए बंद कर दिया गया है।
न्यायमूर्ति जीएस संधावालिया और न्यायमूर्ति विकास बहल की खंडपीठ ने फरवरी में उदय प्रताप सिंह द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) की सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहा, “दोनों राज्यों (पंजाब और हरियाणा) को प्रयास करना चाहिए कि शंभू सीमा को उसके मूल रूप में बहाल किया जाए।” इसने किसानों के ‘दिल्ली चलो’ विरोध के खिलाफ केंद्र और पंजाब और हरियाणा सरकारों द्वारा सभी अवरोधक कार्रवाइयों पर रोक लगाने की मांग की।
3.उत्तर प्रदेश में 2016-17 की तुलना में 2023-24 में दलहन उत्पादन में 36% की वृद्धि देखी गई जो 2.394 मिलियन मीट्रिक टन से बढ़कर 3.255 मिलियन मीट्रिक टन हो गई है।
सोमवार को यूपी सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि दलहन की खेती के तहत क्षेत्र को और बढ़ाने और प्रति हेक्टेयर उपज बढ़ाने के लिए राज्य सरकार केंद्र सरकार के समर्थन से किसानों को व्यापक सहायता प्रदान कर रही है।उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में दलहन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अरहर, उड़द और मूंग पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक कार्य योजना भी तैयार की है। इस पहल के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के तहत 27,200 हेक्टेयर में फसल प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे।
दलहन राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के तहत 31,553 क्विंटल बीज वितरित करने और 27,356 क्विंटल प्रमाणित बीज उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। 21,000 क्विंटल बीज उत्पादन के लिए चौदह बीज केंद्र भी स्थापित किए गए हैं जिससे व्यवस्था मजबूत होगी। मूंग और उड़द जैसी अन्य दलहनी फसलों के मिनी किट भी किसानों को वितरित किए जाएंगे।
और अब किसानों से लिए सबसे उपयोगी मौसम की जानाकरी
4.मौसम अपडेट
देश के कई हिस्सों में बाढ़ और बारिश का कहर देखने को मिल रहा है। हर साल की तरह लोग बाढ़ से लाचार दिख रहे हैं। सबसे अधिक स्थिति असम में खराब है जहां कई लाख लोग बाढ़ के पानी से प्रभावित हैं ।असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है और एक दिन पहले यहां सात और लोगों की मौत हो गई।हालांकि, एक आधिकारिक बुलेटिन के अनुसार, प्रमुख नदियों और उनकी सहायक नदियों के जलस्तर में कमी आने के साथ प्रभावित लोगों की संख्या घटकर 17.70 लाख रह गई है।
वहीं उत्तर प्रदेश में सोमवार सुबह से बारिश के कारण कई नदियां उफान पर हैं, जिसके कारण अधिकारियों को कई बांधों के गेट खोलने पड़े हैं। सूत्रों के अनुसार, बलरामपुर, श्रावस्ती, कुशीनगर, पीलीभीत, सिद्धार्थनगर और लखीमपुर खीरी जिलों के कई गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।यहीं हाल बिहार के कई जिलों में भी देखा जा रहा है।
और आखिर में न्यूज पोटली की ज्ञान पोटली
5.पोक्का रोग(Pokkah Disease)
ये बरसात में गन्ने की फसल में लगने वाला एक रोग है। जो गन्ने के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है।
इस रोग की शुरुआत मॉनसून की शुरुआत होते ही हो जाती है और यह रुक-रुक कर होने वाली बारिश और धूप के कारण फैलता है। अगर इसका समय पर प्रबंधन और रोकथाम नहीं किया जाए तो इससे गन्ने की फसल को भारी नुकसान हो सकता है।
लक्षण-
जहां पत्ती और तना जुड़ते हैं, वहां पर सफेद धब्बे दिखाई देते हैं। पत्तियां मुरझाकर काली पड़ जाती हैं और पत्ती का ऊपरी भाग सड़कर गिर जाता है, जिससे गन्ने का विकास प्रभावित होता है।यह रोग उन गन्ने की किस्मों को अधिक प्रभावित करता है जिनकी पत्तियां चौड़ी होती हैं। इससे गन्ना छोटा और बौना हो जाता है।
रोग से बचाव के उपाय-
इस रोग से प्रभावित गन्ने का पौधा छूने मात्र से टूट जाता है।विशेषज्ञों के अनुसार पोक्का रोग की रोकथाम के लिए किसान कार्बेंडाजिम 50 WP का 400 ग्राम को 400 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।यह छिड़काव रोग के प्रथम लक्षण दिखाई देने पर ही करें। यह स्प्रे 10 से 15 दिन के बाद पुनः दोहराया जा सकता है।
खेती किसानी की रोचक जानकारी और जरुरी मुद्दों, नई तकनीक, नई मशीनों की जानकारी के लिए देखते रहिए न्यूज पोटली।
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