नैनो उत्‍पादों पर 25 प्रतिशत सब्सिडी देगा IFFCO, जानिए क्‍या है पूरी योजना

Iffco, nano

इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (IFFCO) ने अपने नैनो उत्पादों और ड्रोन छिड़काव की पहल को शुरू करने के लिए, यूरिया की बिक्री के आधार पर लगभग 200 क्लस्टरों की पहचान की है। चालू खरीफ सीजन में शुरू होने वाले इस पहले चरण का लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में कुल 8 लाख एकड़ को कवर करना है।

इफको ने एक बयान में कहा “नैनो उर्वरक उपयोग संवर्धन महाअभियान” का उद्देश्य 800 गांवों को कवर करते हुए 200 मॉडल नैनो गांव/क्लस्टर बनाना है जहां किसानों को नैनो यूरिया प्लस, नैनो डीएपी और सागरिका उर्वरकों के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर 25 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। इसके अलावा यह भी कहा कि अगर किसान खेत में फसल पोषक तत्वों और कृषि रसायनों के छिड़काव के लिए ड्रोन सेवाएं लेते हैं तो सहकारी समिति किसानों की लागत से ₹100 प्रति एकड़ वहन करेगी।

टिकाऊ खेती को बढ़ावा देना

सरकार ने नैनो-उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए 100-दिवसीय कार्य योजना पहले ही शुरू कर दी है और 413 जिलों में नैनो डीएपी (तरल) के 1,270 डेमो और 100 जिलों में नैनो यूरिया प्लस (तरल) के 200 ट्रायल आयोजित करने की योजना बनाई है।इस कदम से सरकार को रासायनिक उर्वरकों की बिक्री कम करने और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है क्योंकि नीम कोटेड यूरिया, प्रत्येक बैग में मात्रा में कमी और पीएम-प्रणाम योजना की शुरुआत जैसे कई उपायों के बावजूद दानेदार यूरिया बैग का उपयोग बढ़ रहा है।

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जबकि सरकार पारंपरिक दानेदार बैग की जगह नैनो-यूरिया की प्रभावशीलता का दावा करती है। कई विशेषज्ञ तरल उर्वरक को पूर्ण प्रतिस्थापन के रूप में नहीं देखते हैं क्योंकि उनका कहना है कि उपज को प्रभावित किए बिना कुछ मात्रा कम की जा सकती है। उदाहरण के लिए किसान पारंपरिक यूरिया के 3 बैग और नैनो-यूरिया (500 मिली की) की एक बोतल का उपयोग कर सकते हैं यदि वे पहले 4 बैग का उपयोग कर रहे थे।

वित्त वर्ष 2024 में यूरिया की बिक्री 357.81 लाख टन (एलटी), वित्त वर्ष 2023 में 356.75 एलटी और वित्त वर्ष 2022 में 338.64 एलटी दर्ज की गई।

IFFCO ने 21 राज्यों में 201 नैनो गाँव/क्लस्टर चुने गए

इफको ने कहा कि नैनो उर्वरक पारंपरिक उर्वरकों के असंतुलित उपयोग को 50% तक कम कर सकते हैं साथ ही फसल की उपज और गुणवत्ता को भी बढ़ा सकते हैं जिससे अवशेष मुक्त खेती में योगदान मिलता है। हालांकि कृषक समुदाय के बीच नैनो उर्वरकों को अपनाने के लिए जागरुकता बढ़ाने और प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।

शुरुआत में 21 राज्यों में 201 नैनो गाँव/क्लस्टर चुने गए हैं जिसके लिए परियोजना गतिविधियों के लिए 2,000 एकड़ जमीन निर्धारित की गई है। इफको ने पहले ही 201 गाँव/क्लस्टर में से प्रत्येक में समन्वयक नियुक्त कर दिए हैं ताकि गाँवों का बेंचमार्क सर्वेक्षण किया जा सके और ड्रोन छिड़काव के साथ-साथ अपने नैनो उर्वरकों के वितरण का समन्वय किया जा सके।

इस बीच, सहकारी प्रमुख ने 2024-25 में 4 करोड़ नैनो यूरिया प्लस और 2 करोड़ नैनो डीएपी बोतलें (प्रत्येक 500 मिलीलीटर) का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है।

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