मानूसन उत्तर प्रदेश में दस्तक दे चुका है। राज्य के कई जिलों में कई दिनों से झमाझम बारिश हो रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाढ़ की स्थिति राहत तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिये हैं साथ ही कहा कि बाढ़ से फसल खराब होने की स्थिति में किसानों को तुरंत मुआवजा मिले और उन्हें मौसम पूर्वानुमान के बारे में भी बताया जाये। मुख्यमंत्री ने सोमवार को सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण समेत अन्य विभागों के साथ बाढ़ से निपटने और राहत तैयारियों की समीक्षा की।
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ की आशंका वाले 24 जिलों में अधिकारी पहले से सभी तैयारियां सुनिश्चित कर लें। इन 24 जिलों में महाराजगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, बस्ती, बहराइच, बिजनौर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, गोंडा, बलिया, देवरिया, सीतापुर, बलरामपुर, अयोध्या, मऊ, फर्रुखाबाद, श्रावस्ती, बदायूं, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, संत कबीर नगर, पीलीभीत और बाराबंकी शामिल हैं। इसके अलावा सहारनपुर, शामली, अलीगढ़, बरेली, हमीरपुर, गौतमबुद्ध नगर, रामपुर, प्रयागराज, बुलंदशहर, मुरादाबाद, हरदोई, वाराणसी, उन्नाव, लखनऊ, शाहजहांपुर और कासगंज भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने जल शक्ति मंत्री और दो राज्य मंत्रियों को अति संवेदनशील और संवेदनशील क्षेत्रों का दौरा कर बाढ़ नियंत्रण से जुड़ी परियोजनाओं का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। अति संवेदनशील और संवेदनशील क्षेत्रों में बाढ़ की आपात स्थिति के लिए पर्याप्त मात्रा में रिजर्व स्टॉक एकत्र किया जाए। स्थलों पर पर्याप्त रोशनी और आवश्यक उपकरणों की भी व्यवस्था की जाए।
सरकार की तरफ से जानकारी दी गई कि स्वास्थ्य विभाग को स्वास्थ्य किट तैयार कर जिलों में वितरित करने का निर्देश दिया गया है। इन किटों में क्लोरीन की गोलियां, ओआरएस और बुखार की दवा जैसी आवश्यक चीजें होनी चाहिए। सांप के काटने से पीड़ित व्यक्तियों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की जानी चाहिए।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार इस वर्ष पर्याप्त वर्षा होगी। जल शक्ति विभाग को नेपाल और उत्तराखंड की सीमा से लगे जिलों में सतर्कता बनाए रखनी चाहिए। आम जनता की सुविधा और राहत एवं बचाव कार्यों के बेहतर प्रबंधन के लिए बाढ़ बुलेटिन और मौसम पूर्वानुमान नियमित रूप से जारी किए जाने चाहिए।