दिनभर की खेती किसानी से जुड़ी खबरों की न्यूज पोटली में आपका स्वागत है। चलिए देखते हैं आज की पोटली में किसानों के लिए क्या क्या नया है।
पीएम मोदी ने अपने एक साक्षात्कार में आंदोलनरत किसान और उनकी MSP की माँग पर कहा कि MSP कहीं नहीं जा रही है। हम न केवल धान और गेहूं जैसी प्रमुख फसलों पर MSP दे रहे हैं, बल्कि हम किसानों को ऐसी दालें उगाने के लिए भी प्रोत्साहित कर रहे हैं, जो उनकी कमाई बढ़ाने में मददगार साबित होंगी। हम पंजाब और हरियाणा के किसानों की जरूरतों को समझते हैं और हमने हमेशा MSP के मुद्दे पर उनके साथ काम किया है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि हम चाहते हैं कि इच्छुक किसान फसल विविधीकरण को अपनाएं। हम ऐसे किसानों को जरूरी मॉनिटरी पॉलिसी सिक्यूरिटी कवर देंगे। उन्होंने कहा कि फसल विविधीकरण का अन्य राजनीतिक दलों ने भी समर्थन किया है। हमारे किसान ‘इंडिया ग्रोथ स्टोरी’ का जरूरी हिस्सा हैं। इसलिए मेरी सरकार वर्तमान में उनकी जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ उन्हें भविष्य के लिए सक्षम और सशक्त बनाना चाहती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि हम एक कदम आगे बढ़ने को तैयार हैं। पंजाब और हरियाणा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर उगाई जाने वाली धान और गेहूं जैसी प्रमुख फसलों पर MSP तो दे ही रहे हैं, बल्कि हम किसानों को ऐसी दालें उगाने के लिए भी प्रोत्साहित कर रहे हैं जिनकी बाजार में मजबूत मांग है। दालों की खेती से किसानों को उनकी कमाई में उल्लेखनीय सुधार करने में मदद कर सकती हैं।
पंजाब और हरियाणा में जोरदार खरीद के कारण इस सत्र में गेहूं की कुल खरीद 262.48 लाख टन रही जबकि मध्य प्रदेश में इस साल गेहूं खरीद में गिरावट देखने को मिली।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस सीजन में कुल खरीद 270 से 290 लाख टन के बीच रह सकती है, जो पिछले साल के 262.02 लाख टन से अधिक होगी। आंकड़े बताते हैं कि केंद्रीय पूल में गेहूं की खरीद पिछले साल के रिकॉर्ड को पार कर चुकी है। पंजाब और हरियाणा में कुछ दिन पहले जोरदार खरीद के कारण इस सत्र में पहली बार पिछले साल से अधिक खरीदारी हुई है।
मध्य प्रदेश से 80 लाख टन खरीदने का लक्ष्य था, जबकि करीब 48 लाख टन खरीदा गया है, जो पिछले साल हुई खरीद का करीब 33 प्रतिशत है। ज्यादातर कारोबारियों का कहना है कि मध्य प्रदेश में गेहूं की फसल अनुमान से कम हुई है।
बिहार कृषि विभाग उद्यान निदेशालय किसानों के साथ आम नागरिकों के लिए एक योजना लाई है। जिसमें खेतिहर जमीन वाले किसानों के लिए मशरूम हट और बगैर खेतिहर जमीन वाले आम लोगों के लिए मशरूम किट की योजना है और इस योजना के तहत मशरूम हट योजना में 50% अनुदान और मशरूम किट में 90% अनुदान का फायदा मिलेगा।
सरकार की इस योजना का फ़ायदा ले के आप कम लागत में मशरूम की खेती करके बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं। जिनके पास खेतिहर जमीन है वो तो इसका फ़ायदा ले ही सकते हैं इसके साथ ही जिनके पास घर के अलावा महज 10 से 20 धूर भी जमीन घर के आसपास है, वे भी इसकी खेती कर सकते हैं।
खेतिहर जमीन वाले किसानों को मशरूम हट बनाने पर 50% का अनुदान मिलेगा, कुल हट की राशि रकम 1,79,500 रुपये है।इसमें 50 फीसदी अनुदान जिसमें 89,750 रुपये किसानों को खुद से लगाने होंगे और बिना खेतिहर जमीन वाले लोगों को मशरूम किट दिया जाएगा जिसकी लागत 60,000 रुपये प्रति किट है। इसमें लोगों को 90% अनुदानित दर पर मात्र 6,000 रुपये प्रति किट मिलेंगे।
और अब किसानों से लिए सबसे उपयोगी मौसम की जानाकरी
आज का मौसम
IMD का अनुमान है कि 28 मई तक राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में गर्म मौसम की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
उत्तर भारत के कई राज्यों में इस वक्त भीषण गर्मी पड़ रही है। इस भीषण गर्मी को देखते हुए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के साथ-साथ उत्तर भारत के कई राज्यों के लिए गर्मी का रेड अलर्ट जारी किया है।लू का असर गुजरात, विदर्भ, मध्य महाराष्ट्र, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, जम्मू संभाग और हिमाचल प्रदेश पर पड़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले एक से दो दिनों में तापमान में तीन से चार डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है।
मौसम विभाग के मुताबिक़ चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ सोमवार को सुबह तक कमजोर पड़ गया और हवा की रफ्तार 80 से 90 किलोमीटर (किमी) प्रति घंटा हो गयी। ‘रेमल’ रविवार मध्यरात्रि के आस-पास पश्चिम बंगाल तट पर पहुंचा था।
और विभाग ने बताया कि बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के तटों पर चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ के पहुंचने के एक दिन बाद बंगाल के तटीय इलाकों में सोमवार को भारी तबाही का मंजर दिखा। तूफान के कारण बीती रात 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चली थीं।
इस चक्रवाती तूफान ने बंगाल के सागर द्वीप और बांग्लादेश के खेपुपारा के बीच के तटीय इलाकों पर भारी तबाही मचाई। ‘रेमल’ के पहुंचने की प्रक्रिया की शुरुआत रविवार रात साढ़े आठ बजे से शुरू हुई थी।
हालात को सामान्य बनाने के प्रयास जारी हैं। आपातकालीन सेवाएं प्रभावित क्षेत्रों में मलबा हटाने और बिजली बहाल करने के काम में जुटी हैं।
विभाग ने एक बुलेटिन में बताया कि तूफान के उत्तरपूर्व की ओर बढ़ने और कमजोर होने की संभावना है।
और आखिर में न्यूज पोटली की ज्ञान पोटली
इस भीषण गर्मी के मौसम में दूध उत्पादन बढ़ाने के लिये पशुओं को खिलाएं ज्वार का चारा
गर्मी के सीजन में पशुपालकों को अपने पशुओं के खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए।इस मौसम में पशुओं को हरा चारा खिलाना चाहिए, जिससे उनकी सेहत अच्छी बनी रहे।ऐसे में गर्मी के दिनों में पशुओं के लिए ज्वार का चारा सबसे बेहतर होता है। ज्वार का चारा खिलाने से पशुओं को काफी फायदा मिलता है। ज्वार का चारा पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ ही स्वादिष्ट, पौष्टिक और उत्तम पशु चारा है।
गर्मी के दिनों में पशुओं को ज्वार का चारा खिलाने से उनके शरीर में पानी की कमी नहीं होती है और इसमें अच्छी मात्रा में फाइबर की वजह से पशुओं में दूध की बढ़ोत्तरी होती है। इसके साथ ही विशेषज्ञों के अनुसार पशुओं को ज्वार खिलाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि ज्वार सूखा हुआ नहीं होना चाहिए। हरे-भरे ज्वार को ही भूसे के साथ पशुओं को खिलाना चाहिए।
विशेषज्ञों के अनुसार ज्वार का चारा सही मात्रा में खिलाया जाना चाहिए। जैसे 10 किलो भूसा के साथ 4 से 5 किलो ज्वार का चारा इस्तेमाल किया जा सकता हैं। ये ध्यान देना ज़रूरी है कि पशुओं को अधिक मात्रा में ज्वार न खिलाएं क्योंकि इससे वो बीमार भी पड़ सकते हैं। सही मात्रा में अगर ज्वार का सेवन जानवरों को उनकी भूख बढ़ाने में मदद करती है।
खेती किसानी की रोचक जानकारी और जरुरी मुद्दों, नई तकनीक, नई मशीनों की जानकारी के लिए देखते रहिए न्यूज पोटली।
ये भी देखें –