दानेदार उर्वरक और जल में घुलनशील उर्वरकों में अंतर

फसल के विकास के लिए कुछ पोषक तत्वों की जरूरत होती है जिसे किसान भाई उर्वरकों या खाद के सहारे पूरा करते हैं। एक फसल को 17 तरह के षोषक तत्वों की जरूरत रहती है जिसमें मेजर हिस्सा कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम होता है।

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tomato price

टमाटर की अच्छी कीमत पाने के लिए प्रोसेसिंग है अच्छा विकल्प

टमाटर देश की दूसरी सर्वाधिक उपजाई जाने वाली सब्जी की फसल है। बाजार के भाव में भी बदलाव होता रहता है जिस वजह से उचित कीमत उठा पाना किसानो के लिए संभव नहीं है। अगर किसान प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन के तरीको को अपनाता है तो उचित लाभ कमा सकता है।

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फर्टिगेशन से फसल को मिलता है 90 फीसदी तक पोषण

एक पौधे को अच्छे से ग्रोथ करने के लिए कार्बन नाइट्रोजन, पोटशियम, फास्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीज, सल्फर, बोरान जैसे 17 पोषक तत्वों की जरूरत होती है। पारम्परिक तरीके से खाद देने पर पोषक तत्वों का सिर्फ 40 से 50 प्रतिशत ही पौधे को मिल पाता है वहीं जल विलेय उर्वरक देने पर इसका लाभ प्रतिशत 90 तक पहुंच जाता है।

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stray animals is damaging farmers' crop.

यूपी: छुट्टा पशुओं से फसल बचाने के लिए योगी सरकार में खास योजना पर मंथन

माना जा रहा है 2024 के आम चुनावों से पहले किसानों को योगी आदित्नाथ सरकार उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए नासूर बनी समस्या का बड़ा समाधान करेगी। खेत सुरक्षा योजना पहले से कई राज्यों में लागू है।
मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना के तहत किसानों को खेत के चारों तरफ सोलर फेंसिंग लगवानी होगी। जिस पर लगने वाली लागत का 60 फीसदी खर्च सरकार देगी। इस तरह के प्रस्ताव पर कवायद जारी है।

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इफको खरीदेगा है 2500 किसान ड्रोन: 5-7 मिनट में एक एकड़ में होगा छिड़काव

आने वाले दिनों में किसानों के लिए खेतों में उर्वरकों का छिड़काव और आसान हो जाएगा। खेती-किसानी में नैनो फर्टीलाइजर लाने वाली सहकारी संस्था इफको कृषि में तकनीकी जरूरतों पर खासा ध्यान दे रहा ही। इस दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए किसानों की अग्रणी कॉपरेविटव संस्था इफको ने 2500 ड्रोन की खरीद शुरु की है। इन ड्रोन के जरिए इफको तरल उर्वरकों का छिड़काव किया जाएगा।

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mango garden

आम के फलों की तुड़ाई के उपरांत बाग का प्रबंधन कैसे करें की अगले वर्ष अधिकतम एवं गुणवक्तायुक्त फल प्राप्त हों

जनवरी माह में कभी कभी बौर जल्दी निकल आते है ,यथासम्भव तोड़ देना चाहिए। इससे गुम्मा रोग का प्रकोप कम हो जाता है। बौर निकलने के समय पुष्प मिज कीट का प्रकोप दिखते ही क्विनालफास (1 मि.ली./लीटर ) या डामेथोएट (1.5 मि.ली./लीटर ) पानी में घोल कर छिड़काव किया जाना चाहिए।

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