योगी सरकार ने गन्ना किसानों की बकाया राशि के भुगतान के लिए चीनी मिलों के लिए निर्देश जारी किए हैं. वर्तमान में 6 चीनी मिलों को निर्देशों के अनुसार समय पर भुगतान नहीं करने के कारण उनके खिलाफ वसूली प्रमाण-पत्र जारी किए गए हैं. जिसमें बरखेड़ा-पीलीभीत, मकसूदापुर-शाहजहांपुर, बहेड़ी और नवाबगंज-बरेली, कुन्दुरखी-गोण्डा और मलकपुर-बागपत चीनी मिल शामिल हैं.
गन्ना और चीनी आयुक्त प्रमोद कुमार उपाध्याय ने बताया कि प्रदेश के गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए परिक्षेत्रीय और मुख्यालय स्तर से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. वहीं, भुगतान में लापरवाही बरतने वाली चीनी मिलों के खिलाफ कठोरतम कार्यवाही के लिए परिक्षेत्रीय और जिला गन्ना अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि निर्गत वसूली प्रमाण पत्र के क्रम में संबंधित जिला प्रशासन भू-राजस्व के बकाया की तरह ही वसूली कर सकेगा, जिससे किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान कराने में मदद मिलेगी.
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122 में से 65 चीनी मिलों ने किया भुगतान
चीनी आयुक्त ने यह भी बताया कि अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान के लिए समय-समय पर की गई समीक्षा बैठकों और नोटिस भेजकर त्वरित गन्ना मूल्य भुगतान के लिए दिए गए निर्देशों के चलते भुगतान प्रक्रिया में तेजी आई है. पेराई सत्र 2024-25 में चली 122 चीनी मिलों में से 65 चीनी मिलों ने शत-प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान कर दिया है.
वहीं, 22 चीनी मिलों ने 84 प्रतिशत से ज्यादा गन्ना मूल्य का भुगतान किसानों को कर दिया है. गन्ना आयुक्त ने बताया कि गन्ना मूल्य भुगतान की रोजाना मॉनिटरिंग मुख्यालय स्तर पर की जारी रही है. गन्ना मूल्य भुगतान में लापरवाही बरतने वाली चीनी मिलों के आगामी पेराई सत्र के लिए गन्ना क्षेत्रफल के पुर्ननिर्धारण पर भी विचार किया जा सकता है.
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