World Milk Day: दूध उत्‍पादन में नंबर 1 कैसे बना भारत? आंकड़ों से समझ‍िए तरक्‍की की कहानी

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भारत दूध उत्‍पादन के मामले में दुन‍िया का सबसे बड़ा देश तो है ही, प‍िछले कुछ वर्षों के दौरान देश ने मात्रा और गुणवत् के मामले में खूब तरक्‍की की है। वर्ष 2021-22 में पूरी दुन‍िया के दूध उत्पादन में भारत का योगदान सबसे ज्‍यादा 24.64 फीसदी रहा तो वहीं 2022-23 में दूध उत्पादन 230.58 मिलियन टन तक पहुँच गया। पिछले नौ वर्षों के दौरान यह बढ़ोतरी लगभग 58% है। ऐसे में देखा जाए तो भारतीय कृष‍ि में डेयरी का योगदान बेहद महत्‍वर्पूण तो है ही, देश की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 5 फीसदी के योगदान के साथ ये सेक्‍टर बेहद जरूरी हो जाता है। World Milk Day के मौके पर भारत के डेयरी सेक्‍टर पर एक नजर-

दूध उत्‍पादन के मामले में पूरी दुन‍िया में भारत का दबदबा
दूध उत्‍पादन Milk Production के मामले में भारत की तरक्‍की कई मायनों उल्लेखनीय रही है। केंद्रीय केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री मंत्री परसोत्तम भाई रूपाला ने हाल ही में भारत की दूध अर्थव्यवस्था और इसके बढ़ते कदम के बारे में बताया। उन्‍होंने बताया क‍ि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान देश में कुल दूध उत्पादन 230.58 मिलियन टन होने का अनुमान है। यह आंकड़ा पिछले पांच वर्षों की अपेक्षा 22.81% ज्‍यादा है। 2018-19 में कुल उत्‍पादन 187.75 मिलियन टन ही था। किसानों, डेयरी सहकारी समितियों और दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के सरकारी प्रयास देश को दूध उत्‍पादन के मामले में लगातार आगे बढ़ा रहा। वर्ष 2022-23 में दूध उत्पादन में पिछले वर्ष की तुलना में 3.83 प्रतिशत की वृद्धि हुई। आंकड़ों पर नजर डालें तो ये बढ़ोतरी 2018-19 में 6.47 प्रतिशत, 2019-20 में 5.69 प्रतिशत, 2020-21 में 5.81 प्रतिशत और 2021-22 में 5.77 प्रतिशत की वार्षिक दर से हुई।

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दूध उत्पादन में ये राज्‍य सबसे आगे
वर्ष 2022-23 में सबसे अधिक दूध उत्पादन के साथ उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहा। देश के कुल दूध उत्‍पादन में यूपी का योगदान 5.72 प्रतिशत रहा। राजस्थान 14.44 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर है। मध्य प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश भी क्रमशः 8.73, 7.49 और 6.70 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ प्रमुख राज्‍य हैं। इस ल‍िस्‍ट में कई दूसरे राज्‍य भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। कर्नाटक ने 8.76 प्रतिशत की उच्चतम वार्षिक वृद्धि दर (एजीआर) दर्ज की है। पश्चिम बंगाल 8.65 प्रतिशत की एजीआर के साथ दूसरे स्थान पर है।

हर साल 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है। यह दिन वैश्विक भोजन के रूप में दूध के महत्व को सामने लाने और डेयरी फार्मिंग और डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा स्थापित विश्व दुग्ध दिवस 2001 में अपनी स्थापना के बाद से दुनिया भर में मनाया जाता है। समय के साथ, एफएओ ने संतुलित आहार में दूध के पोषण मूल्य और महत्व के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए कई अभियान चलाए हैं।

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