लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के किसानों के लिए हाल ही में एक नई योजना की शुरुआत की जिसका नाम है ‘कृषक मुफ्त बिजली सिंचाई योजना’। इस योजना के तहत किसानों को उनके निजी नलकूपों के लिए मुफ्त बिजली देने की बात कही गयी है। सरकार के अनुसार इस योजना का लाभ करीब 14.32 लाख किसानों को मिलेगा। लेकिन एक रिपोर्ट के अनुसार इस योजना के लाभ के लिए उम्मीद से भी कम किसानों ने आवेदन किया है जबकि आवेदन की अंतिम तारीख 30 जून है।
कृषक मुफ्त बिजली सिंचाई योजना के तहत सिंचाई के लिए बुंदेलखंड के किसानों को 1,300 यूनिट प्रतिमाह और राज्य के अन्य हिस्सों के किसानों को 1,045 यूनिट बिजली फ्री दिया जाएगा। लेकिन अब तक सिर्फ़ 50 हजार किसानों ने ही आवेदन किया है और योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख 30 जून नजदीक आ गई है।
आवेदन क्यों नहीं कर रहे हैं किसान?
उत्तर प्रदेश के 15 लाख किसानों के पास निजी नलकूप चलाने के लिए बिजली कनेक्शन है। जबकि आवेदन महज 50 हजार किसानों ने ही किया है। माना जा रहा कि इस योजना का लाभ लेने के लिये जो शर्तें रखी गई हैं वह किसानों को रास नहीं आ रहा जिसकी वजह से किसान आवेदन करने से कतरा रहे हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने मांग की है कि फ्री बिजली योजना की शर्तों को आसान किया जाए जिससे किसान इसका फ़ायदा उठा सकें।
योजना के लिए क्या है शर्तें?
यही वह शर्तें हैं जिसकी वजह से किसान इस योजना में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं-
1. 31 मार्च 2023 तक के सभी बकाया बिजली बिल का भुगतान करना होगा।
2.बिजली मीटर लगवाना अनिवार्य है।
3.10 हार्स पावर तक के बिजली कनेक्शन पर 1,045 यूनिट बिजली मुफ्त रहेगी और इसके ऊपर बिजली खर्च होने पर कोई छूट नहीं दिया जाएगा।
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