केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि, बीज और कीटनाशक कानून को सख्त बनाने की जरूरत है।
कृषि मंत्री ने एक पखवाड़े तक चले ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के समाप्त होने पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि, कई किसानों ने बीज और कीटनाशकों की गुणवत्ता पर चिंता जताई है। इसके अलावा अभियान के दौरान किसानों ने जलवायु प्रतिरोधी बीजों की सीमित उपलब्धता, आवारा पशुओं का बढ़ता खतरा और सोयाबीन की घटती पैदावार जैसे मसलों पर भी चिंता जताई। आपको बता दें कि 29 मई से शुरू हुए इस अभियान के तहत 1,42,934 गांवों में 1.34 करोड़ किसानों से सीधे संपर्क किया गया।
कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बीज अधिनियम, 1966 में एक साल के भीतर बदलाव लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी तरह, नकली कीटनाशकों की बिक्री को रोकने के लिए कीटनाशक अधिनियम, 1968 में संशोधन किया जाएगा।
कानून में बदलाव की जरूरत क्यों?
कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने इसी साल एक सवाल पर लोकसभा में लिखित में ये जवाब दिया, जिसके मुताबिक
- 2023-24 में 133,000 बीज के सैंपल की जांच की गई जिसमें से 3,630 क्वालिटी sub-standard की निकली।
- इसी साल 1,81,153 फर्टीलाइजर के सैंपल टेस्ट किए गए, जिसमें 8,988 गुणवत्ता खराब निकली।
- 80,789 पेस्टीसाइड के सैंपल की जांच में 2,222 की क्वालिटी बेहतर नहीं मिली।
- किसानों की चिंताओं को 2015 में फिक्की (FICCI) की एक रिपोर्ट में उजागर किया गया था, जिसमें ये सामने आया कि, उस साल नकली कीटनाशकों के इस्तेमाल की वजह से 1 करोड़ टन से अधिक खाद्य उत्पादन का नुकसान हुआ।
रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि, नकली कीटनाशकों का बाजार हर साल 20% की दर से बढ़ रहा था, और रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि, नकली कीटनाशकों का बाजार हर साल 20% की दर से बढ़ रहा था, और उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और कर्नाटक जैसे राज्य सबसे अधिक प्रभावित थे।
क्या कहता है कानून?
नकली बीजों, कीटनाशकों और उर्वरकों की धोखाधड़ी को रोकने और किसानों को गुणवत्तापूर्ण सामान की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए बीज अधिनियम, 1966, बीज नियम, 1968, बीज (नियंत्रण) आदेश, 1983, आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955, कीटनाशक अधिनियम, 1964, कीटनाशक नियम, 1971, उर्वरक (नियंत्रण) आदेश, 1985 वगैरह में अलग-अलग प्रावधान हैं।
संबंधित राज्य कृषि विभाग अपने-अपने राज्यों में बीज, उर्वरक और कीटनाशकों की गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षकों की नियुक्ति करता है। अगर बीज, उर्वरक और कीटनाशकों के किसी भी नमूने में नकली/या कमी पाई जाती है, तो अधिनियमों और नियमों के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाती है।
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