क्यों परेशान हैं मंदसौर, मध्य प्रदेश के अफीम किसान?

मध्य प्रदेश के मंदसौर

मध्य प्रदेश के मंदसौर में कई किसानों के लिए अफीम की खेती पीढ़ियों से पारंपरिक आजीविका रही है। विनोद पाटीदार और कमल पाटीदार जैसे कई हजार किसान हैं, जो पिताजी के जमाने से अफीम की खेती करते आ रहे हैं। अफीम की खेती उनके लिए आय का मुख्य स्रोत है। उसी की कमाई से उनका घर चलता है। लेकिन अब इसकी खेती के लिए मौसम का अनुकूल न होने और इसकी खेती को लेकर सरकारी नियम से किसान परेशान हैं और अब इसकी खेती छोड़ने की बात कह रहे हैं। इसके अलावा किसान अफीम के आदी तोतों से भी परेशान हैं। तोते अफीम को खाते हैं, जिससे किसानों का बहुत बड़ा नुकसान होता है।

इस साल, मंदसौर में 54,000 किसानों को अफीम की खेती के लिए सरकारी लाइसेंस मिले, लेकिन कई लोगों को लगता है कि जोखिम के लायक रिटर्न नहीं है। अफीम की काला बाजारी में बहुत अधिक कीमत मिलती है, जबकि किसानों को मात्र ₹2,000-₹2,500 प्रति किलोग्राम का भुगतान किया जाता है। किसान अब सरकार से भुगतान बढ़ाने या वैकल्पिक समाधान उपलब्ध कराने का मांग कर रहे हैं।

ये भी पढ़ें – मध्य प्रदेश के 30 लाख किसानों को मिलेंगे सोलर पंप, अधिक बिजली भी खरीदेगी सरकार

न्यूज़ पोटली द्वारा की गई ग्राउंड रिपोर्ट में ये पता चला कि कैसे अप्रत्याशित मौसम अफीम की खेती को प्रभावित कर रहा है?
ये भी पता चला कि तोते भी अफीम खाते हैं। और इससे किसानों का आर्थिक रूप से कितना बड़ा नुकसान होता है। इस वीडियो में आप जानेंगे कि अफीम की खेती को लेकर सरकारी नियम क्या हैं? मंदसौर के अफीम किसान फसल बीमा और बेहतर मूल्य निर्धारण की क्यों मांग कर रहे हैं?

देखिए वीडियो –

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *