कपास पर 11 प्रतिशत आयात शुल्क हटाने से किसे फायदा और किसे नुकसान? जानिए शुल्क छूट की क्या है वजह?

आयात शुल्क हटाने

केंद्र सरकार ने कपास पर 20 सितंबर 2025 तक के लिए 11 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी हटा दी है। सरकार का दावा है कि उसके इस फैसले से टेक्सटाइल इंडस्ट्री को राहत मिलेगी और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन किसान संगठनों का आरोप है कि यह फैसला किसानों के खिलाफ है और इसका सीधा असर उनकी कमाई पर पड़ेगा।

मोदी सरकार के कपास से इंपोर्ट ड्यूटी हटाने के फैसले से टेक्स्टाइल इंडस्ट्री को बहुत फायदा मिल सकता है, ये तो सही बात है। लेकिन उन किसानों का क्या जो कपास की खेती करते हैं। क्या सरकार के इस फैसले से उन्हें भी कुछ फ़ायदा होने वाला है? तो जवाब है, नहीं। यही वजह है कि कपास उत्पादक किसान इसका विरोध कर रहे हैं। वहीं टेक्स्टाइल इंडस्ट्री इस फैसले का स्वागत कर रही है।

किसानों का हो सकता है नुक़सान
सरकार के इस फैसले से किसानों को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। अगर विदेश से सस्ता कपास बड़ी तादाद में आया तो घरेलू मंडियों में इसकी कीमतें गिर सकती हैं। किसान को अपनी उपज कम दाम पर बेचनी पड़ सकती है। जिसकी वजह से उन्हें लागत निकालना भी मुश्किल होगा।

किसान नेता ने क्या कहा ?
कुछ जानकारों का कहना है कि, सरकार ने ये छूट सिर्फ 40 दिनों के लिए दी है, कपास की नई फसल आने तक वापस से इंपोर्ट ड्यूटी 11% हो जाएगी, जिससे किसानों का कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन शेतकरी संगठन के संस्थापक सदस्य और बड़े किसान नेता विजय जवांधिया का मानना है कि, सरकार का ये फैसला किसानों के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा। उन्होंने मोदी सरकार को चिट्ठी लिखकर अपना विरोध भी दर्ज कराया है।

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इंपोर्ट ड्यूटी हटाने की क्या है वजह?
दरअसल अमेरिका ने भारत पर पहले 25% टैरिफ लगाया। इसके बाद रूस से कच्चे तेल की खरीद को लेकर 25 परसेंट टैरिफ अलग से लगाने की भी धमकी दी है। वहीं, दूसरे एशियाई देशों जैसे कि बांग्लादेश पर 20 परसेंट, वियतनाम पर भी 20 परसेंट और चीन पर 30 परसेंट का टैरिफ लगाया है, जो भारत पर लगाए गए टैरिफ के मुकाबले कम है। इससे भारतीय एक्सपोर्टर को इंटरनेशनल मार्केट में कॉम्पटीशन करने में दिक्कत हो रही है। सरकार को डर था कि, कहीं इस वजह से भारत की टेक्स्टाइल इंडस्ट्री को भारी नुकसान ना हो जाए। उन्हें घाटे से उभारने के लिए मोदी सरकार ने 19 अगस्त को कॉटन पर से इंपोर्ट ड्यूटी को तुरंत हटाने का फैसला लिया है। ये आदेश 30 सितंबर तक लागू रहेगा।

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Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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