भारत में अफीम की खेती कहाँ होती है?

भारत उन गिने-चुने देशों में से एक है जहाँ कानूनी तौर पर अफीम की खेती होती है और एकमात्र देश है जो कानूनी तौर पर अफीम गोंद का उत्पादन करता है.

अफीम गोंद (पैपेवर सोम्निफेरस) का पौधा अफीम गोंद का स्रोत है जिसमें मॉर्फिन, कोडीन और थेबाइन जैसे कई आवश्यक एल्कलॉइड होते हैं. मॉर्फिन दुनिया का सबसे अच्छा दर्द निवारक है. कैंसर के गंभीर रूप से बीमार मरीज़ों जैसे अत्यधिक और असहनीय दर्द में, मॉर्फिन के अलावा कोई भी चीज़ दर्द से राहत नहीं दिला सकती. कोडीन का इस्तेमाल आमतौर पर कफ सिरप बनाने में किया जाता है.

अफीम की खेती के लिए दी जाती है लाइसेंस
नारकोटिक्स आयुक्त के अधीन केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीएन), ग्वालियर (मध्य प्रदेश) किसानों को अफीम की खेती के लिए लाइसेंस जारी करता है. सीबीएन के अधिकारी प्रत्येक किसान के प्रत्येक खेत की व्यक्तिगत रूप से नाप-जोख करते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे लाइसेंस प्राप्त क्षेत्र से अधिक न उगाएँ.

क्वालिटी के आधार पर तय होता है रेट
अफीम के उत्पाद को लेकर अलग-अलग कानून बनाए गए हैं. भारत में भी अफीम की खेती को लेकर भी बहुत से नियम-कानून बनाए गए हैं. देश में अफीम की खेती बड़ी मात्रा में की जाती है. अफीम की कीमत इसकी फसल की क्वालिटी के आधार पर तय की जाती है.

तीन राज्यों में होती है अफीम की खेती
अफीम की खेती के लिए सरकार ने सिर्फ तीन राज्यों के किसानों को ही इसका लाइसेंस दिया है. जिसमें मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश शामिल हैं. वर्तमान समय में मध्यप्रदेश के मंदसौर, नीमच, राजस्थान के कोटा, झालावाड़, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा व प्रतापगढ़ और उत्तर प्रदेश के लखनऊ व बाराबंकी में अफीम की खेती की जा रही है.

मंदसौर के 54,000 किसान कर रहे हैं अफीम की खेती
इस साल, मंदसौर के 54,000 किसानों को अफीम की खेती के लिए सरकारी लाइसेंस मिले, लेकिन कई लोगों का मानना है कि इससे होने वाला लाभ जोखिम के लायक नहीं है. हालाँकि उन्हें केवल ₹2,000-₹2,500 प्रति किलो का भुगतान किया जाता है, लेकिन काला बाज़ार में अफीम की कीमत कहीं ज़्यादा होती है. किसान अब सरकार से भुगतान बढ़ाने या वैकल्पिक समाधान देने की माँग कर रहे हैं.
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Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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