PM PRANAM योजना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है. इसका उद्देश्य सरकार पर सब्सिडी का बोझ कम करने के अलावा खेती में रासायनिक उर्वरकों की जगह वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देना है. इसके तहत सरकार जैविक खेती से पैदा होने वाले उत्पादों की मार्केटिंग पर भी जोर देती है, जिससे उन किसानों को इसका सीधा फायदा मिलता है जो जैविक खेती करते हैं.
पीएम प्रणाम योजना को लेकर कैबिनेट मंत्री डॉ.मनसुखमांडाविया ने अपने बयान में कहा था कि जो राज्य रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करेंगे, केंद्र सरकार की ओर से उन्हें सहायता दी जाएगी.
पीआईबी के मुताबिक़ किसी विशेष वित्तीय वर्ष में रासायनिक उर्वरकों की खपत में कमी के माध्यम से राज्य/संघ राज्य क्षेत्र द्वारा बचाई गई उर्वरक सब्सिडी का 50 प्रतिशत अनुदान के रूप में उस राज्य/संघ राज्य क्षेत्र को दिया जाता है.
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उद्देश्य क्या है?
पीएम प्रणाम योजना का उद्देश्य देश में रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल को कम करके वैकल्पिक उवर्रकों को खेती में बढ़ावा देना है. इससे सरकार पर सब्सिडी का बोझ कम होगा और खेती में दूसरे जैविक उर्वरकों के इस्तेमाल से खेती की गुणवत्ता भी बेहतर होगी. इससे खेती की लागत भी कम होगी, जिससे किसानों को लाभ होगा.
सरकार की कोशिश है कि इस योजना के जरिए नैनो यूरिया और सल्फर कोटेड यूरिया के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है. साथ ही किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य ये जैविक खेती से मिलने वाले प्रोडक्ट की मार्केटिंग पर भी जोर देना है.
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पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।