बिहार के सभी 38 जिलों में वर्मी कम्पोस्ट और बायो गैस इकाइयां बनायी जाएंगी

बिहार सरकार

बिहार सरकार प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने और किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए राज्य के सभी 38 जिलों में वर्मी कम्पोस्ट और बायो गैस इकाइयों की स्थापना को मजूरी दे दी है.

प्रदेश सरकार प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा देने के साथ साथ किसानों की आमदनी बढ़ाने और खेती की लागत कम करने की दिशा में भी काम कर रही है. बिहार के उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 से राज्य के सभी 38 जिलों में “पक्का वर्मी कम्पोस्ट इकाई, गोबर/बायो गैस संयंत्र और व्यवसायिक वर्मी कम्पोस्ट निर्माण इकाई योजना” शुरू की गई है.

क्या है उद्देश्य?
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को 75 घन फीट क्षमता के पक्के वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन इकाई की स्थापना पर लागत मूल्य का 50 प्रतिशत या अधिकतम 5,000 रूपये (दोनों में से जो कम हो) अनुदान दिया जाएगा. ऐसे लाभार्थी जो खेती करते हैं और जिनके पास पशुधन है, उन्हें अधिकतम तीन इकाइयों तक अनुदान मिलेगा. इस योजना के अंतर्गत चौथे कृषि रोड मैप 2023-28 के तहत वर्ष 2025-26 के लिए 20,000 इकाइयों के निर्माण हेतु 10 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं. इस योजना का उद्देश्य रासायनिक खाद की जगह जैविक खाद का उपयोग बढ़ाना और किसानों की लागत घटाना है.

ये भी पढ़ें – अगेती खेती से अच्छी कमाई कर सकते हैं किसान, अगर इन बातों का रखें ध्यान

गोबर/बायो गैस संयंत्र योजना के लिए अनुदान
मंत्री ने बताया कि 2 घन मीटर उत्पादन क्षमता वाले बायो गैस संयंत्र के लिए लागत मूल्य का 50 प्रतिशत या अधिकतम 21,000 रूपये अनुदान तथा 1,500 टर्न की राशि के रूप में मिलाकर कुल 22,500 रूपये प्रति इकाई अनुदान दिया जाएगा. वर्ष 2025-26 में 100 संयंत्रों के लिए 22.50 लाख रूपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. यह योजना स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने एवं पशुधन के अपशिष्ट का उपयोग करने की दिशा में एक प्रभावी पहल है.

व्यवसायिक वर्मी कम्पोस्ट इकाई योजना 
योजना के तहत एफ॰पी॰ओ॰, किसान उत्पादक समूह, स्टार्टअप, गैर सरकारी संगठन एवं कृषि विज्ञान केंद्रों को 1000, 2000 एवं 3000 मीट्रिक टन उत्पादन क्षमता वाली इकाइयों पर क्रमशः अधिकतम 6.40 लाख रूपये, 12.80 लाख रूपये एवं 20 लाख रूपये की दर से 40 प्रतिशत अनुदान मिलेगा. इसके तहत 10 इकाइयों के निर्माण के लिए 2 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की गई है.

अधिक जानकारी के लिए किसान अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र की मदद ले सकते हैं.

ये देखें –

Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *